मुंबई

Published: Jan 09, 2024 06:06 PM IST

MNS Clashमहेश जाधव के आरोपों के बाद राज ठाकरे की पार्टी में टकराव, MNS-मथाडी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प, ट्रेड यूनियन बर्खास्त

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: नवी मुंबई में मंगलवार (9 जनवरी) को खारघर के मेडिकवर अस्पताल के बाहर मथाडी (Mathadi Workers) और मनसे कार्यकर्ताओं (MNS) के बीच जमकर हंगामा हुआ। मनसे पदाधिकारी महेश जाधव (Mahesh Jadhav) ने अपनी ही पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद यह विवाद इतना बढ़ गया कि मनसे कार्यकर्ता और मथाडी कार्यकर्ताओ में लड़ाई हुई। 

मथाडी कामगार के नेता जाधव ने आरोप लगाया कि मनसे नेता अमित ठाकरे ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और मारपीट की। जब वे एक सोसायटी में छिपने गए तो मजदूरों ने सोसायटी के सुरक्षा कक्ष के शीशे तोड़ दिए। एमएनएस के दो गुटों के बीच हुई इस पिटाई से खारघर इलाके में थोड़ा तनाव है। जाधव ने यह भी आरोप लगाया कि राज ठाकरे की पार्टी रंगदारी पर उतर आई है।

 बता दें कि महेश जाधव मनसे के उपाध्यक्ष और मनसे मथाडी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष भी हैं। महेश जाधव ने कहा है कि मैं कुछ मथाडी कार्यकर्ताओं की मांगों को लेकर अमित ठाकरे से मिलने राजगढ़ (मनसे कार्यालय) गया था। वहां राज ठाकरे के दोस्त विनय अग्रवाल के कहने पर अमित ठाकरे ने मेरे साथ मारपीट की। ये केवल दलाल हैं। उनकी पार्टी दलाल है। सिर्फ उगाही करने वाली पार्टी है। इस फेसबुक लाइव के बाद वो लोग मेरी जान ले लेंगे, मुझे मार डालेंगे। अगर मुझे कुछ हुआ तो राज और अमित ठाकरे जिम्मेदार होंगे।’ जाधव ने बताया कि इस पिटाई में उनके सिर पर गंभीर चोट आई और छह टांके लगाने पड़े। जाधव का फिलहाल खारघर के मेडिकवर अस्पताल में इलाज चल रहा है।

MNS ने की कामगार सेना के खिलाफ कार्रवाई

इस बीच, वीडियो वायरल होने के बाद मनसे ने महेश जाधव समेत कामगार सेना के खिलाफ कार्रवाई की है। एमएनएस ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के सभी सैनिकों को सूचित किया जा रहा है कि राज ठाकरे के आदेशानुसार मराठी कामगार सेना संगठन और संगठन के सभी पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित किया जा रहा है। 

मराठी कामगार सेना और उसके पदाधिकारियों का अब से पार्टी के सहयोगी संगठन एमएनएस या महाराष्ट्र नवनिर्माण कामगार सेना से कोई संबंध नहीं है। इसलिए, राजनीतिक दल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और पार्टी के अन्य संबद्ध संगठन मराठी कामगार सेना, पदाधिकारियों और मराठी कामगार सेना के सदस्यों की किसी भी भूमिका से कोई संबंध नहीं रखेंगे।