मुंबई

Published: Mar 28, 2024 04:14 PM IST

Ramadan in Mumbaiहैदराबादी दही वड़े की क्या है खासियत, जानें रमजान में क्यों बढ़ जाती है इसकी डिमांड

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नवभारत न्यूज नेटवर्क
मुंबई: रमजान के महीने में रोजेदारों का प्रयास होता है कि ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जिससे कम प्यास लगे। हैदराबादी दही वड़े काने के बाद प्यास नहीं लगती इसलिए रमजान के वक्त इसकी डिमांड शहर में बढ़ जाती है। मुंबई के भिंडी बाजार में शाकिर सलीम हैदराबादी दही वड़े को लेकर मशहूर हैं। 1952 से मुंबई में शाकिर का परिवार हैदराबादी दही वड़े बेचने का काम कर रहा है।

नये जमाने के साथ आज के युवा अपने बुजुर्गों की विरासत संभालना तो दूर उसे देखना तक नहीं चाहते, ऐसे में भिंडी बाजार के शालीमार होटल के बगल मे एक युवक अपने दादा की विरासत हैदराबादी दही वड़े बेचने का काम कर रहा है। भिंडी बाजार में केवल रमजान के महीने में हैदराबादी दही वड़े खूप बिकते हैं। लोग दिन भर रोजा रखते हैं शाम को इफ्तारी के समय लोग दही वड़े खाना पसंद करते हैं। इससे प्यास नहीं लगती।

हैदराबादी दही वड़े के विक्रेता शाकिर सलीम पंजाबी का कहना है कि 1952 मे उनके दादा कासम पंजाबी ने यहां हैदराबादी दही वड़े बेचना शुरु किया था। धीरे-धीरे उनके हैदराबादी दही वड़े मुंबई में मशहूर हो गए और लोग दूर-दूर से रमजान के महीने में दही वडे खरीदने आने लगे, शाकिर के मुताबिक दादा के निधन के बाद पिता सलीम पंजाबी ने रमजान के महीने में दही वड़े बेचने का सिलसिला जारी रखा। पिता के बाद शाकिर अब उस विरासत को संभाल रहे हैं। 2010 से उन्होने वड़े बेचना शुरु किया, जो लगातार जारी है, देर शाम इफ्तारी के लिये रोजेदार हैदराबादी दही वड़े आकर ले जाते हैं। क्योकि रोजा खोलने के बाद अगर मांसाहारी भोजन करते हैं तो प्यास अधिक लगती है, लेकिन दही वड़े खाने से प्यास नहीं लगती।