मुंबई

Published: Sep 30, 2020 04:30 PM IST

झटकामहारेरा ने दिया ग्राहक को झटका

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई. अभी हाल ही में एक बिल्डर के खिलाफ ग्राहक को 5 करोड़ रुपये अदा करने का आदेश देने वाले महारेरा ने इस बार एक दूसरे मामले में ग्राहक को झटका दिया है.  यह पहली बार है कि महारेरा ने ग्राहक को दोषी मानते हुए ब्याज की रकम अदा करने का आदेश दिया है. 

बिल्डर एमएसपी नम्रता एसोसिएट ने ग्राहक के पैसे का भुगतान नहीं करने पर महारेरा में एग्रीमेंट रद्द करने की शिकायत दर्ज कराई थी. हालांकि ग्राहक को यह जानकारी थी कि घर देने में देरी होने पर महारेरा बिल्डर को जुर्माना लगाता है और ब्याज की रकम माफ कर देता है. लेकिन महारेरा में यह मामला उल्टा हो गया और पहली बार महारेरा ने ग्राहक के खिलाफ फैसला सुनाते हुए उसे ब्याज की रकम देने का आदेश दिया है. महारेरा ने अपने आदेश में कहा कि बिल्डर की तरफ से घर देने में देरी होने पर उससे जुर्माना वसूला जाता है तो  ग्राहक की तरफ से देरी होने पर उनका ब्याज क्यों माफ करें.  

पुणे का है मामला

मामला पुणे का है. पुणे के लाइफ 360 फेज-1 प्रकल्प में ग्राहक ने घर  खरीदा था.  घर को 29 अगस्त 2019 में 50 लाख 34 हजार रुपये में बुक किया गया था. शुरुआत में 1 रुपये का भुगतान किया. एग्रीमेंट के अनुसार चरणबद्ध तरीके से रकम का भुगतान करना था लेकिन ग्राहक ने 2020 तक रकम नहीं भरी. बिल्ड़र ने महारेरा के पास शिकायत दर्ज कराई कि ग्राहक पैसे का भुगतान नहीं कर रहा है  इसलिए उसका एग्रीमेंट रद्द  किए जाने की मांग की. सुनवाई में बिल्डर ने कहा कि संबंधित ग्राहक रकम की अदायगी नहीं कर रहा है. पैसा नहीं भरने पर 1 लाख रुपये जब्त कर लेंगे. लेकिन ग्राहक ने इसका विरोध करते हुए रकम भुगतान करने के लिए कहा. रकम देने में विलंब होने पर बिल्डर ने जो ब्याज लगाया है उसे माफ करने की अपील महारेरा से की. 

महारेरा का निर्णय महत्वपूर्ण 

जिसे ठुकराते हुए महारेरा ने कहा कि बिल्डर की गलती होने पर जब उससे जुर्माना वसूला जा सकता है तो  ग्राहक की गलती पर ब्याज वसूलने का अधिकार भी बिल्डर को है. महारेरा का यह निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि घर के लिए बिल्डर के साथ हुए एग्रीमेंट को तोड़ने पर उसे भी कीमत चुकानी होगी.