मुंबई

Published: Feb 27, 2024 04:59 PM IST

Mill Workers Protestमिल मजदूरों ने अपने हक के घर की मांग को लेकर आज़ाद मैदान में किया विरोध प्रदर्शन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: मुंबई के आजाद मैदान में मंगलवार को घर की मांग को लेकर मिल मजदूरों का विरोध प्रदर्शन हुआ। मुंबई में अपने हक का घर पाने के लिए यह दशकों से लड़ाई को जारी रखे हुए हैं। हजारों की संख्या में मिल मजदूरों ने आजाद मैदान में हाथों में तख्ती लेकर घर की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया है। प्रदशन में बुजुर्ग और बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया।  

दूर से आए लोगों ने प्रदर्शन में लिया हिस्सा 
खबर के मुताबिक करीब डेढ़ लाख मिल मजदूरों को सब्सिडी वाले घर का वादा किया गया था, लेकिन सिर्फ 15 हजार मजदूरों को ही घर मिला है। ऐसे में बाकी मजदूरों में काफी नाराजगी है और वह मुंबई के आजाद मैदान में नजर आ रही है। तस्वीर में तख्ती लेकर बैठे मजदूरों ने अपील की है कि बाकी बचे सभी मजदूरों को घर के लिए फॉर्म भरने की सुविधा  मिलनी चाहिए। अपने हक के घर की मांग करने के लिए आजाद मैदान में आए यह मिल मजदूर शहर और बाहरी इलाकों से यहां पहुंचे हैं। कुछ लोग लोग महाराष्ट्र के दूर-दराज इलाकों से प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए यहां आए हैं। 

बुजुर्ग और महिला ने प्रदर्शन में लिया हिस्सा 
विरोध प्रदर्शन में बुजुर्गों के अलावा बड़ी संख्या में महिलाएं भी नजर आ रही हैं। सभी एक सुर में अपने हक के घर की मांग कर रहे हैं। इनका यह कहना है कि यह अपने हक की मांग कर रहे हैं ये किसी से एहसान नहीं मांग रहे हैं। 

म्हाडा ने नाराज़ है मिल मजदूर 
दरअसल म्हाडा ने सितंबर 2023 में आवास के लिए मिल श्रमिकों की योग्यता निर्धारित करने की प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू किया था। जिसके लिए मजदूरों को म्हाडा के कार्यालय जाकर अपने दस्तावेज ऑनलाइन और ऑफलाइन भरने का विकल्प दिया गया था। जिसकी समय सीमा नवंबर तक थी, लेकिन इसे बाद में बढ़ाया गया और 15 फरवरी तक किया गया। लेकिन उसके बावजूद फॉर्म भरने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। बड़ी संख्या में मजदूर सुविधा से वंचित रह गए हैं। मजदूरों की शिकायत है कि फॉर्म भरने में उन्हें तकनीकी सुविधा का सामना करना पड़ रहा है। 

चुनाव के पहले सरकार से आश्वासन 
मिल मजदूरों का मानना है कि वह चुनाव के पहले सरकार से इस विषय पर आश्वासन चाहते हैं, क्योंकि चुनाव के बाद सरकार इस मामले में हाथ खड़े कर देती है और यही कारण है कि इनका यह विरोध प्रदर्शन और लंबा होता जा रहा है। दशकों से ये अपने हक के घर की मांग कर रहे हैं।