मुंबई

Published: Sep 18, 2021 01:40 PM IST

Mumbai Local Train Updatesमुंबई लोकल ट्रेनों में बढ़ती भीड़ के बाद 'फोर्ट्रेस चेक', एक दिन 843 लोगों पर कार्रवाई

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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मुंबई: कोरोना (Corona) की दूसरी लहर में देश के सबसे ज़्यादा प्रभावित शहरों में से एक मुंबई (Mumbai) में अनलॉक (Mumbai Unlock) के बाद से शहर में पाबंदियों में ढील दी गई है। इसके साथ ही मुंबई की लाइफलाइन कही जानेवाली लोकल ट्रेन (Mumbai Local Train) एक बार फिर से शुरू कर दी गई है। लेकिन मुंबई लोकल ट्रेनों में लगातार बढ़ती भीड़ के बाद रेलवे भी अलर्ट पर है और बिना टिकट के यात्रा करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। मुंबई में महज़ एक दिन में करीब 843 लोगों पर कार्रवाई की गई है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य रेलवे के अधिकारियों ने शुक्रवार को उपनगरीय खंड के दो स्टेशनों – सीएसएमटी और कल्याण पर सिर्फ आठ घंटे में बिना टिकट यात्रा कर रहे 843 लोगों पर कार्रवाई की। इनमें सीएसएमटी पर कुल 427 और कल्याण स्टेशन पर 416 लोगों पर कार्रवाई की गई है। दोनों स्टेशनों पर शुक्रवार को हुए इस ऑपरेशन में टिकट चेकर्स और रेलवे सुरक्षा बल के जवानों समेत 80 से अधिक रेलवे कर्मचारियों ने हिस्सा लिया था।

इस विशेष टिकट जांच अभियान के दौरान, जिसे रेलवे की भाषा में ‘फोर्ट्रेस चेक’ कहा जाता है, सीएसएमटी में 36 टिकट चेकिंग स्टाफ और सात आरपीएफ कांस्टेबल तैनात किए गए थे। ऐसे में यहां बिना टिकट के यात्रा कर रहे लोगों से बतौर फाइन करीब 1.15 लाख रुपये वसूले गया। इसी तरह कल्याण में 32 टिकट चेकिंग स्टाफ और 11 आरपीएफ कर्मचारी तैनात किए गए और यहां अधिकारियों द्वारा कुल 1.57 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया।

बता दें कि, फोर्ट्रेस चेक वह होता है जिसमें किसी विशेष स्टेशन को चुना जाता है और एक निर्धारित अवधि के दौरान स्टेशन का उपयोग करने वाले प्रत्येक यात्री की जांच के लिए टिकट-चेकर्स और सुरक्षा कर्मचारी तैनात किए जाते हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल पहली बार मुंबई उपनगर में दैनिक लोकल ट्रेन यात्रियों की संख्या 38-40 लाख के आसपास पहुंच गई है। महाराष्ट्र सरकार ने पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों को लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति दी है। तब से ही मुंबई लोकल ट्रेन में यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

हालांकि उपनगर की मुंबई लोकल ट्रेनों में 40 लाख लोगों का रोज़ाना सफर करना महामारी से पहले का महज़ आधा ही आंकड़ा है लेकिन लगातार लोकल ट्रेनों में भीड़ बढ़ना इस बात का भी संकेत है कि, लोग सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन जानकार तीसरी लहर की आशंका जाता रहे हों।