मुंबई

Published: Sep 13, 2020 11:39 PM IST

परेशानीवसई- विरार में बसों का परिचालन बंद

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

विरार. वसई-विरार वालों को परिवहन सेवा उपलब्ध कराने वाली भगीरथी ट्रांसपोर्ट कंपनी का ठेका मनपा प्रशासन ने रद्द कर दिया है.ठेका रद्द होने के कारण परिवहन सेवा ठप हो गई है. मनपा परिवहन सेवा बंद हो जाने से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडॉउन के आरंभ से सभी व्यापार व निजी कार्यालयों को बन्द रखा गया था, जिसे सरकार ने कुछ नियमों के साथ पुनः शुरू करने की अनुमति दी है. ताकि लोगों को आर्थिक संकट से निजात मिले. 

जिससे लोगों ने कुछ राहत की सांस ली थी, लेकिन अब मनपा द्वारा संचालित शहरी परिवहन सेवा प्रदाता ठेकेदार कम्पनी का ठेका रद्द कर दिए जाने से यह सेवा बन्द हो गई, जिससे लोगों की मुश्किलें फिर से बढ़ गई है. मुंबई की लाईफलाईन लोकल ट्रेन सेवा पहले से ही आमजनों के लिए बंद है. ऐसे में लोगों के पास परिवहन के लिए एकमात्र साधन मनपा की परिवहन सेवा की 160 बसें थींं, जो ठेका रद्द होने के बाद बंद हो गई हैंं. मनपा प्रशासन द्वारा दूसरे ठेकेदार को ठेका देने का निर्णय लिया गया है, जिसका टेंडर निकाला गया है, लेकिन अब तक इसके लिए कोई सामने नहीं आया है.

ठेकेदार की मनमानी पर उठ रहे थे सवाल

गौरतलब है कि वसई- विरार मनपा की परिवहन सेवा के माध्यम से कुल 160 बसों का संचालन होता था, जिसमें 30 बसें मनपा की थी, जबकि शेष बसें भागीरथी ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिकाना हक की थींं. जिसके सहारे लोगों को परिवहन सेवा उपलब्ध कराई जाती थी. इस बीच ठेकेदार द्वारा मनमाने ढंग से संचालन करने के कारण कई बार विपक्षियों द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप सत्ताधारी दल पर लगाया जा चुका है, जिसको लेकर कई बार विवाद भी सामने आते रहे हैंं, बल्कि इसी वर्ष के आरम्भ में भी ठेका पर काम करने वाले कर्मचारियों को तनख्वाह न मिलने पर विवाद हुआ था, जो बढ़ते हुए आंदोलन का रूप के चुका था.तीन दिनों तक कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण परिवहन सेवा पूरी तरह बन्द पड़ गई थी. लेकिन बाद में मामले को सुलझा लिया गया था. वर्तमान में उठे विवाद के कारण भागीरथी कम्पनी का ठेका मनपा प्रशासन की ओर से रद्द कर दिया गया है,जिसके कारण परिवहन सेवा पर फिर से ग्रहण लग गया है. 

50% यात्रियों के साथ परिचालन से नुकसान

लॉकडॉउन के शुरू से ही परिवहन सेवा पूरी तरह बन्द थी. 5 सितंबर से मनपा को वसई स्टेशन से वसई तहसीलदार कार्यालय, वसई स्टेशन से वसई फाटा, वसई स्टेशन से सातिवली फाटा, नालासोपारा स्टेशन से नालासोपारा फाटा, विरार पूर्व से विरार फाटा तक 50% यात्रियों के साथ बस सेवा शुरू करने का आदेश दिया गया था. लेकिन ट्रांसपोर्ट कम्पनी ने घाटे का हवाला देते हुए बस सेवा शुरू करने से इंकार कर दिया. ठेकदार का कहना है कि परिवहन सेवा बन्द होने के कारण राजस्व का नुकसान पहले ही हो चुका है. डीजल के दामों में भी बढ़ोत्तरी हुई है, मनपा ने भी वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त बस सेवा का पास दिया है, जिनकी यात्रा से कोई भाड़ा नहीं मिलता है. ऐसे में आधी सवारी के साथ बसों का संचालन कैसे संभव है. कम्पनी के मालिक मनोहर सकपाल ने एक वीडियो में कहा है कि मेरे पास बसों को चलाने की छमता नहीं है, मनपा अनुदान देकर हमें फिर से उठाने का प्रयास करे. ऐसे में कमिश्नर ने आदेश की अवहेलना मानते हुए ठेका रद्द कर कर मनपा की ओर से टेंडर निकाला गया है, लेकिन घाटे में चल रही परिवहन सेवा का ठेका लेने के लिए अब तक कोई ठेकेदार सामने नहीं आया है. 

ठेकेदार ने नहीं माना आदेश

वसई- विरार मनपा कमिश्नर गंगाधरन डी ने कहा कि परिवहन सेवा का संचालन न होने के कारण शहर में यात्रियों को असुविधा हो रही है. ठेकेदार ने आदेश के बाद भी सेवा शुरू नहीं की. इसलिए हमने ठेकेदार को बदलने का निर्णय लिया है. ठेकेदार द्वारा किए गए समझौते के अनुसार कार्रवाई करने और मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. जल्द ही नया ठेकेदार नियुक्त किया जाएगा.

  बिना अनुदान परिवहन सेवा संभव नहीं

परिवहन ठेकेदार मनोहर सकपाल ने कहा कि सरकार के निर्णय के अनुसार 50 प्रतिशत का नुकसान होगा. इसके लिए मनपा हमें अनुदान दे. अन्यथा परिवहन सेवा शुरू करना सम्भव नहीं है.

नए ठेकेदार की नियुक्ति जल्द

परिवहन प्रभारी सहायक आयुक्त विश्वनाथ तालेकर ने कहा कि नए ठेकेदार को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू है. पुराने ठेके के अनुसार एक नया ठेकेदार जल्द ही नियुक्त किया जाएगा.