मुंबई

Published: May 31, 2022 08:31 PM IST

Maharashtra Congressआज से शिर्डी में प्रदेश कांग्रेस की दो दिवसीय 'नव संकल्प कार्यशाला'

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम
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मुंबई/शिर्डी: महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Maharashtra Pradesh Congress Committee) का दो दिवसीय नव संकल्प कार्यशाला (Nav Sankalp Workshop) बुधवार से शिर्डी (Shirdi) में शुरू हो रहा है। कांग्रेस विधायक दल के नेता और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा कि एक और दो जून को होने वाली कार्यशाला में उदयपुर नव संकल्प शिविर की घोषणापत्र के क्रियान्वयन का रोड मैप (Road Map) तैयार  किया जाएगा। 

इस संबंध में बोलते हुए थोरात ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का दो दिवसीय नव संकल्प शिविर हाल ही में उदयपुर में आयोजित किया गया था। इस शिविर का घोषणा पत्र राज्य में भी लागू किया जाएगा। इसके लिए राजनीतिक, संगठन, अर्थशास्त्र, कृषि, किसान और सहकारिता, सामाजिक न्याय और युवा के अलावा महिला सशक्तिकरण के पक्ष और विपक्ष पर चर्चा करने के लिए छह समूहों का गठन किया गया है। यह छह समूह घोषणा के कार्यान्वयन के लिए एक रोड मैप तैयार करेंगे और इसके सफल क्रियान्वयन पर चर्चा करेंगे। अगले दिन इन छह समूहों की रिपोर्ट पेश की जाएगी। बालासाहेब थोरात ने कहा कि उदयपुर में नव संकल्प शिविर के सभी मुद्दों को प्रदेश के अंतिम कार्यकर्ताओं तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।

प्रमुख नेता लेंगे भाग

इस कार्यशाला में पार्टी के प्रदेश प्रभारी एच. के. पाटिल, प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात, लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण, सभी कैबिनेट मंत्री, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और सह प्रभारी आशीष दुआ, विधायक, सांसद, जिलाध्यक्ष और पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।

कांग्रेस बनी सैंडविच

सूत्रों के मुताबिक़, शिर्डी के शिविर में महाविकास आघाडी के अंदर कांग्रेस के पक्ष को मजबूती से रखने के मुद्दे पर भी मंथन किया जाएगा। हाल ही में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने भंडारा-गोंदिया जिला परिषद के चुनाव में एनसीपी द्वारा बीजेपी नेताओं से हाथ मिलाने पर कड़ी नाराजगी जताई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि एनसीपी ने इस कदम से कांग्रेस की पीठ में खंजर घोंपने का काम किया है। पटोले ने पार्टी विधायकों के बीच फंड बंटवारे को लेकर भी नाराजगी जताई है। दरअसल कांग्रेस को लग रहा है कि आघाडी के अंदर शिवसेना और एनसीपी के बीच वे सैंडविच बन कर रह गए हैं। ऐसे में अपनी बातों को रखने के लिए उन्हें कड़ाई से पेश आना होगा।