मुंबई

Published: Jun 23, 2021 04:47 AM IST

Mumbai चूहे का आतंक, कुतर दी मरीज की आंख, राजावाड़ी अस्पताल की घटना

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई. घाटकोपर स्थित महानगरपालिका के राजावाड़ी अस्पताल (Rajawadi Hospital) में अब मरीजों (Patients) को चूहे का डर सता रहा है। मंगलवार को तड़के 3 बजे आईसीयू (ICU) में भर्ती एक मरीज की आंख (Eye) चूहे (Mouse) ने कुतर दी। मनपा के अस्पतालों में यह पहली घटना नहीं है, चूहों के आतंक का शिकार पहले भी कुछ मरीज हुए हैं।

दो दिन पहले 24 वर्षीय श्रीनिवास यल्लपा को सांस लेने में दिक्कत की शिकायत के बाद मनपा के राजावाड़ी अस्पताल में भर्ती किया गया। उन्हें आईसीयू वार्ड में वेंटिलेटर पर रखा गया है। जांच में पता चला कि मरीज को ब्रेन से संबंधित को समस्या होने के साथ-साथ उसका लिवर भी खराब हो चुका है। मरीज को आईसीयू में भर्ती किया गया। मंगलवार को जब मरीज के रिश्तेदार मरीज को देखने पहुंचे तो उसे एक आंख के नीचे वाले पलक से खून बह रहा था। जब डॉक्टरों ने आंख की जांच की तो पता चला कि चूहे ने आंख कुतर दी है। 

मरीजों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरी : सुप्रिटेंडेंट डॉ. विद्या ठाकुर  

राजावाड़ी अस्पताल की सुप्रिटेंडेंट डॉ. विद्या ठाकुर ने बताया कि आईसीयू ग्राउंड फ्लोर पर है, इसलिए चूहा कही से आया होगा और यह अनहोनी हुई है। आगे ऐसी घटना न हो इसको लेकर सभी उपाय किए जा रहे हैं। मरीजों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरी है।

कांदिवली शताब्दी और जोगेश्वरी में भी चूहे का शिकार हुए थे मरीज

4 वर्ष पहले 9 अक्टूबर को कांदिवली स्थित मनपा के शताब्दी अस्पताल में भी लकवा के एक मरीज चूहे का शिकार बना था। मनपा के जोगेश्वरी स्थित ट्रामा केयर सेंटर में भी एक मरीज चूहे का शिकार हुआ था। अब एक बार फिर से चूहों का आतंक और प्रशासन की लापरवाही देखने को मिली है।

डॉक्टरों ने जांच की है मरीज की आंख सलामत है। चूहे ने उसके नीचे की पलक पर काटा है। आईसीयू ग्राउंड फ्लोर पर होने के कारण दरवाजे से चूहा रात को घुसा होगा। इस घटना के जांच का आदेश दिए गए हैं।

-किशोरी पेडणेकर, महापौर

बीएमसी इस लापरवाही का जवाब दे

 

इस बीच, बीजेपी सांसद मनोज कोटक ने ट्वीट कर बीएमसी पर तंज कसते हुए कहा कि एशिया की सबसे बड़ी महानगरपालिका बीएमसी के पास अस्पताल को चूहों से दूर रखने का भी उपाय नहीं है। पीड़ित का परिवार इस घटना से सदमे में है, लेकिन हमें आश्चर्य नहीं क्योंकि इसके पहले कांदिवली के अस्पताल में भी ऐसी ही घटना हुई थी। बीएमसी इस लापरवाही का जवाब दे।