मुंबई

Published: Dec 16, 2022 02:55 PM IST

thane Terminusठंडे बस्ते में ठाणे टर्मिनस का प्रस्ताव, क्या बन सकेगा कोपरी स्टेशन?

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: मुंबई का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले ठाणे-मुलुंड (Thane-Mulund) के बीच नया रेल टर्मिनस (Rail Terminus) बनाने का दो दशक पुराना प्रस्ताव ठंडे बस्ते में ही नजर आ रहा है। उल्लेखनीय है कि लगभग 20 साल पहले ही ठाणे के तत्कालीन सांसद प्रकाश परांजपे ने मुलुंड और ठाणे के बीच मेंटल अस्पताल (Mental Hospital) की जगह पर नया टर्मिनस बनाने की मांग की थी।

वर्षों तक रेलवे और राज्य सरकार के बीच इस प्रस्ताव पर पत्र व्यवहार होता रहा, परंतु कोई निर्णय न हो सका। यहां रेलवे के पास भूखंड नहीं था,जबकि राज्य सरकार मेंटल अस्पताल का भूखंड भी नहीं देना चाहती थी।

अब कोपरी स्टेशन का प्रस्ताव

ठाणे के सांसद राजन विचारे ने प्रस्तावित कोपरी स्टेशन को गति देने का प्रस्ताव रेलवे को दिया है। ठाणे स्टेशन पर यात्रियों की अत्यधिक भीड़ कम करने के लिए मुलुंड के बाद कोपरी स्टेशन बनाने का सुझाव राजन विचारे ने दिया है। सांसद विचारे के अनुसार मेंटल अस्पताल की तरफ रेल लाइनों के पश्चिम की ओर बढ़ाकर स्टेशन बन सकेगा। कोपरी के पास प्रस्तावित स्टेशन और कलवा-ऐरोली रेल लिंक दोनों प्रस्ताव रुके हुए हैं। इन दोनों के शुरू होने पर ठाणे स्टेशन से यात्रियों का भार कम करने में मदद मिलेगी।

प्रस्तावित स्टेशन के संबंध में प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार 

मध्य रेल के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कोपरी में प्रस्तावित स्टेशन के संबंध में प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, स्टेशन पर तीन प्लेटफार्म और तीन 10 मीटर चौड़े एफओबी और एक तीन मंजिला स्टेशन भवन होगा। इस परियोजना को केंद्र की स्मार्ट सिटी के तहत मंजूरी और एमवीए सरकार ने हरी झंडी दी थी। इस योजना के तहत मेंटल अस्पताल की लगभग 14 एकड़ भूमि के हस्तांतरण के ट्रांसफर का निर्णय लिया गया।

स्टेशन या टर्मिनस वायबल नहीं है

इस बीच, रेलवे के एक और वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि मुलुंड-ठाणे के बीच कोपरी स्टेशन या टर्मिनस वायबल नहीं है। रेलवे को पूरी लाइन पश्चिम की तरफ बनानी होगी। इसके अलावा यहां एक बड़ा नाला है और बीएमसी की पानी की पाइपलाइन को स्थानांतरित करने की आवश्यकता होगी। टर्मिनल के लिए तो काफी ज्यादा जमीन की आवश्यकता होगी। स्टेशन के लिए रेल मंत्रालय, राज्य सरकार, बीएमसी और टीएमसी को एक साथ प्रयास करने होंगे। यातायात की दृष्टी से रेलवे के लिए यह प्रोजेक्ट फिलहाल संभव नहीं लग रहा हैं।