मुंबई

Published: Nov 29, 2022 09:24 PM IST

Sanjay Rautबेलगांव में मेरी जान को खतरा, संजय राउत ने जताया अंदेशा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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शिवसेना नेता संजय राउत (Photo Credits-ANI Twitter)

मुंबई: शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि बेलगांव में उनकी जान को खतरा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इस साजिश में महाराष्ट्र (Maharashtra) के कुछ लोग भी शामिल हैं। राउत ने कहा कि इस पूरे मामले पर शिंदे- फडणवीस सरकार (Shinde-Fadnavis Govt.) को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। 

सांसद संजय राउत ने 30 मार्च 2018 को बेलगांव में महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद (Maharashtra-Karnataka Border Dispute) को लेकर कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिया था। इस मामले में कोर्ट ने राउत को 1 दिसंबर को कोर्ट में हाजिर होने को कहा है।  

शिंदे-फडणवीस की कमजोर सरकार  

राउत ने कहा है कि शिंदे-फडणवीस सरकार पूरी तरह से कमजोर है। उन्होंने कहा कि सांगली के जत तालुका के विभिन्न गांवों में पदयात्रा निकाली गई। खास बात यह है कि ग्रामीण महाराष्ट्र का नहीं, बल्कि कर्नाटक का झंडा लेकर चल रहे थे। पदयात्रा निकालते हुए ग्रामीणों ने कर्नाटक सरकार के समर्थन में नारे भी लगाए। उन्होंने इस यात्रा का समर्थन करने वाले कन्नड़ रक्षकों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की भी मांग की है। इससे पहले कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने भी जत तालुका के 42 गांवों के अलावा सोलापुर और अक्कलकोट पर अपना दावा ठोका है। राउत ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार में भी कुछ लोग गुपचुप तरीके से इसका समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बेलगांव बुलाकर मारने की साजिश रची जा रही है।

राउत पर हो सकता है हमला

उधर, एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने कहा है कि संजय राउत को हमले के लिए बुलाए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मैं भी  सीमा मुद्दे को लेकर कई बार कर्नाटक का विरोध कर चुका हूं। भुजबल ने कहा कि मुझे भी वेश बदलकर बेलगाम में प्रवेश करना पड़ा था। 

कश्मीर फाइल्स पर इफ्फी जूरी का समर्थन

राउत ने कश्मीर फाइल्स फिल्म पर इफ्फी जूरी हेड नदव लैपिड की टिप्पणी का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि यह सही है कि ये प्रोपेगैंडा फिल्म थी। राउत ने कहा कि यह फिल्म किसी खास पार्टी के राजनीतिक मकसद को पूरा करने के लिए बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि इस सिनेमा के आने के बाद कश्मीर में सबसे ज्यादा कश्मीरी पंडितों की हत्या की गई है। हेड नदव लैपिड से जब यह पूछा गया कि क्या कश्मीर फाइल्स एक प्रोपेगेंडा फिल्म थी तो उन्होंने इसके जवाब में कहा कि यह सही है। उनके मुताबिक जहां बीजेपी की सरकार है, वहां इस  फिल्म का ज्यादा प्रचार किया गया।