मुंबई

Published: Jul 27, 2020 08:31 PM IST

उल्लंघनसरकारी गाइड लाइन का उल्लंघन, पाबंदी के बावजूद लग रही बकरों का बाजार

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

मुंबई. वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा हुआ है. मंदिर और इबादतगाह बंद हैं. मुस्लिम समाज के त्योहार बकरीद को लेकर सरकार की तरफ से गाइड लाइन जारी की गई है.जिसमें स्पष्ट रुप से कहा गया है कि कुर्बानी के लिए इस साल बकरा सहित अन्य सभी तरह के जानवरों की बाजार नहीं लगेगी, लेकिन मुंबई शहर के विभिन्न इलाकों में बड़े पैमाने पर बकरों के अलावा अन्य जानवरों की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है.पुलिस एवं मनपा इनके खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई से बच रही है.

 मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बकरीद को लेकर जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी. जिसके तहत सरकार की तरफ से गाइड लाइन जारी की गई थी.जिसमें कहा गया था कि कुर्बानी के लिए जानवरों की बाजार नहीं लगेगी.

प्रतीकात्मक कुर्बानी की अपील

सरकार की तरफ से प्रतीकात्मक कुर्बानी की अपील करते हुए कहा गया था कि जिसे कुर्बानी करनी है वह ऑनलाइन एवं टेलीफोन के माध्यम से बकरा खरीद सकता है.सरकार की गाइड लाइन में मस्जिद, ईदगाह एवं सार्वजनिक स्थल पर नमाज पढ़ने से भी मना किया गया है.हालांकि मुस्लिम समाज में सरकार की गाइड लाइन को लेकर नाराजगी है.इसे वापस लेने की मांग की जा रही है.

लोटस कालोनी में सैकड़ों की संख्या में लाए गए बकरे 

सरकार ने जानवरों की मंडी बाबत अभी तक गाइड लाइन में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. इसके बावजूद शिवाजीनगर,गोवंडी, मानखुर्द, साकीनाका खैरानी रोड, नागपाड़ा, मदनपुरा सहित अन्य कई इलाकों में बकरा, भेंड़ के अलावा बड़े जानवर भी धड़ल्ले से बिक रहे हैं. मानखुर्द के लोटस कालोनी में सैकड़ों की संख्या में बकरे लाए गए हैं.इसी तरह गोवंडी एवं शिवाजी नगर में कई स्थानों पर बकरों एवं भेंड़ के बाजार लगे हुए हैं. 

बकरे की कीमत बढ़ गई

गोवंडी में बकरा खरीदने पहुंचे इस्माइल शेख ने कहा कि सरकार की पाबंदी की वजह से इस साल बकरे की कीमत बढ़ गई है. कुर्बानी करनी है इसलिए कीमत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.एक ने कहा कि बाजार के लिए स्थानीय पुलिस, मनपा अधिकारियों, विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों को रिश्वत भी देनी पड़ रही है.इस वजह से जानवरों के अधिक दाम लिए जा रहे हैं. कुर्बानी के लिए जानवरों को खरीदने एवं बेचने वाले  मास्क भी नहीं लगा रहे हैं और न ही सेनिटाइजर का उपयोग किया जा रहा है.