नागपुर

Published: May 08, 2021 01:44 AM IST

Ice cream business300 करोड़ के आइसक्रीम कारोबार पर फिर पानी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo

नागपुर. कोरोना वायरस के कहर से आइसक्रीम उद्योग भी अछूता नहीं रहा है. इसकी मार ब्रांडेड आइसक्रीम कम्पनियों के साथ ही छोटे दूकानदारों पर भी पड़ी है जो मटका कुल्फी या शेक जैसे दूध से बनने वाले उत्पाद बेचते हैं. जानकारों के अनुसार कोरोना के कारण आइसक्रीम उद्योग को 60 प्रश से अधिक नुकसान तो पहले ही हो चुका है. यदि और महीने भर बंद रहा तो इस उद्योग का पूरा वर्ष खराब हो जाएगा. एक अनुमान के तहत देखा जाये तो शहर में आइसक्रीम उद्योग लगभग 300 करोड़ से अधिक का है जिसमें हजारों की संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है.

मार्च से शुरू हो जाता है पीक सीजन

आइसक्रीम पार्लर के मुकेश गुप्ता के अनुसार आइसक्रीम उद्योग का पीक सीजन मार्च से शुरू होकर जून के आखिर तक चलता है. कोरोना वायरस को काबू करने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के कारण इस बार भी आइसक्रीम की मांग बढ़ने से पहले ही ठप हो गई. जानकारों के अनुसार कम्पनियां बंद रहने से सैकड़ों कामगार इस समय बेरोजगार हो गये हैं. एक कम्पनी में कम से 25 से 100 कामगार काम करते हैं. इसी तरह कम्पनियों से दूकानों में माल सप्लाई होने के बाद आइसक्रीम पार्लर चलते हैं. इसमें 1 पार्लर में 2 लोगों को रोजगार मिलता है. लेकिन अभी सब कुछ ठप होने से पूरा कारोबार और रोजगार ही ठंडा पड़ चुका है.

होती है वर्षभर की कमाई

एक अन्य पार्लर के प्रशांत बताते हैं कि अगर बंद की अवधि कुछ और हफ्ते चली तो आइसक्रीम उद्योग तो लगभग शत-प्रतिशत नुकसान में चला जाएगा. इस उद्योग का यह वर्ष तो ‘तबाह’ ही होगा. आइसक्रीम से जुड़े लगे लोग मार्च से लेकर जून तक के तीन महीने में ही अपनी वर्षभर की कमाई करते हैं. इन तीन महीनों पर कोरोना की मार पड़ने से जैसे पूरा वर्ष ही खराब हो गया है.

पहले ही ले लिया था कच्चा माल

आइसक्रीम निर्माताओं के अनुसार सबसे बड़ा संकट यह है कि आने वाले सीजन की तैयारी के तौर पर कच्चा माल पहले ही जमा कर लिया था, जैसा कि हर वर्ष किया जाता है. अब किसी को ऐसा पता ही नहीं था कि कोरोना फिर से पूरे सीजन पर पानी फेर देगा.

नहीं हो रहा ठंडा-ठंडा, कूल-कूल

आइसक्रीम की तरह ही आइस गोला के लिए बड़ी मात्रा में बर्फ की डिमांड रहती है. शहर के सैकड़ों जगह आइस गोला की दूकानें सज सजती हैं लेकिन कोरोना के कारण आइस गोला भी पिछले वर्ष की तरह ही इस गर्मी में लोगों से दूर हो गया है. इस कारण फैक्टरियों में बर्फ का उत्पादन भी नहीं हो रहा है.