नागपुर

Published: Apr 08, 2022 11:56 PM IST

Petrol-Diesel Priceकोलकाता का ट्रक भाड़ा 1 लाख के पार, आगे कीमत और बढ़ना तय

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. डीजल की कीमतों में हुई वृद्धि का असर अब देखने को मिल रहा है. नागपुर से कोलकाता का ट्रक भाड़ा 1 लाख रुपये से ऊपर निकल गया है. ट्रांसपोर्टरों की मानें तो वर्तमान दर वृद्धि का अभी तक भाड़े पर कोई असर नहीं हुआ है लेकिन जल्द ही इजाफा होना तय है. ट्रक कारोबारियों का कहना है कि भले ही बाजार में सब कुछ खुला-खुला लग रहा है लेकिन औद्योगिक गतिविधियां अभी भी काफी सीमित हैं और माल मिलने की समस्या कायम है. 

10 फीसदी की वृद्धि

नागपुर ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमृतपाल अलग ने कहा कि पिछले कुछ समय में ट्रक भाड़े में लगभग 10 फीसदी की वृद्धि हुई है. अभी जो वृद्धि हुई है, उसका असर अभी नहीं है. ऑपरेटर अभी कीमत नहीं बढ़ा पाए हैं और कम मार्जिन पर काम करने को मजबूर हैं. वे कहते हैं कि अधिकांश लाइन अभी तंगी में कट रही हैं. ट्रक नागपुर से माल लेकर रवाना हो रहा है लेकिन वापसी में माल नहीं मिल रहा है. इस प्रकार की समस्याओं का सामना भी ट्रांसपोर्ट कंपनियां कर रही हैं. 

असहनीय हो गई है दर वृद्धि

संगठन के सचिव दिलीप सिंह तुली कहते हैं कि डीजल मूल्य वृद्धि ट्रक ऑपरेटरों के लिए असहनीय होती जा रहा है. ट्रांसपोर्टर को तुरंत प्रभाव में बढ़ी हुई दरों में डीजल लेना पड़ता है लेकिन कंपनियां माल भाड़े में वृद्धि करने को तैयार नहीं रहती हैं. अधिकांश कारोबारी बैंक फाइनेंस में वाहन लेते हैं. वे चाहते हैं कि चक्का घूमता रहे ताकि कुछ न कुछ खर्च निकल जाए. ट्रक खड़ा करने से कोई लाभ नहीं है, इसलिए वे मजबूरी में ट्रक ऑपरेट कर रहे हैं. आलम यह है कि एक-एक तरफ का भाड़ा लाख-लाख रुपये तक पहुंच गया है. जब भाड़ा इतना बढ़ेगा तो निश्चित है अन्य चीजों की कीमतें भी बढ़ेंगी ही. 

छोटी कंपनियों का घुट रहा दम

विदर्भ ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के महेंद्रपाल सिंह तुली कहते हैं कि पिछली बार जब कीमतें बढ़ी थीं तब कंपनियों ने 10 फीसदी ट्रक भाड़ा बढ़ाने का अनुबंध किया था लेकिन अभी चुप्पी साधे हुए हैं. उम्मीद है कि अप्रैल में दर वृद्धि पुन: रिन्यूवल होगी. वास्तव में कंपनियां भी माल भाड़े को लेकर काफी दबाव में हैं क्योंकि उनका माल महंगा हो जाता है या फिर दूरदराज के क्षेत्रों में भेजना संकट भरा हो जाता है. बड़ी कंपनियां तो बोझ उठा भी लेती हैं लेकिन छोटी कंपनियों का दम घुट जाता है. निश्चित रूप से सरकार को एक बार विचार करना ही होगा. 

नागपुर से देश के प्रमुख शहरों ट्रक भाड़ा

(प्रति ट्रक, 30 मीट्रिक टन)

सेक्टर भाड़ा