नागपुर

Published: Nov 20, 2021 01:47 AM IST

Malnutritionजिले में 548 बच्चे कुपोषित; घटिया पोषण आहार आपूर्ति का आरोप

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Representational Pic

नागपुर. गर्भवती महिलाओं और आंगनवाड़ी के बच्चों को नियमित रूप से पोषण आहार आपूर्ति का दावा करने वाले विभाग के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि जब विभाग का सारा कामकाज अच्छी तरह से नियमित चल रहा है तो 548 बच्चे कुपोषित कैसे पाए गए हैं. 2 दिन पूर्व जिला परिषद की ऑफलाइन आम सभा में यह सवाल भाजपा पक्ष नेता और सदन में विपक्ष के नेता आतिश उमरे ने अध्यक्ष से किया. इस सवाल का अधिकारियों के पास कोई संतोषजनक जवाब तक नहीं था.

राज्य सरकार द्वारा कुपोषण मुक्ति के लिए विविध योजनाएं अमल में लाई जा रही हैं लेकिन कुपोषण कम करने में  सफलता नहीं मिली है. नागपुर जिले में गर्भवती, स्तनदा महिलाओं और बच्चों को दिए जाने वाले पोषण आहार के बेहद घटिया होने का आरोप आतिश उमरे ने लगाया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पोषण आहार आपूर्ति में कुछ भ्रष्टाचारियों का पोषण हो रहा है. 

90 बच्चे तीव्र कुपोषित

उमरे ने बताया कि जिले में मई में मध्य तीव्र कुपोषित बच्चों की संख्या 458 और अति तीव्र कुपोषित बच्चों की संख्या 90 थी. इस तरह कुल 548 बच्चे कुपोषित पाए गए. आंगनवाड़ियों में एकात्मिक बाल विकास योजना के माध्यम से बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिए विविध उपाययोजना की जाती हैं. उन्हें पोषण आहार दिया जाता है. जिले में 2325 से अधिक आंगनवाड़ियां हैं जिनमें 1.39 लाख के करीब बच्चों को पूर्व प्राथमिक शिक्षा दी जाती है. कोरोना काल में जिले में बीते मार्च से आंगनवाड़ियां बंद कर दी गईं लेकिन बच्चों का पोषण आहार उनके घर में पहुंचाने का दावा विभाग द्वारा किया जाता रहा है. 

नमक काला पड़ गया

उमरे ने सभा समाप्त होने के बाद लाभार्थियों को वितरित किया जाने वाला नमक दिखाया जो आयोडीनयुक्त नहीं होने के कारण काला पड़ गया था. उन्होंने कहा कि मई में किए गए सर्वे में बड़ी संख्या में कुपोषित बच्चे पाए गए हैं. अनाज के रूप में उन्हें चना दाल, मसूर दाल, मिर्च, हल्दी, शक्कर, गेहूं आदि घरपहुंच दिया जा रहा था. उमरे ने बताया मिर्च-मसालों में तो इल्लियां पड़ गई हैं. अनाज में घुन लग गया है. उन्होंने कहा कि इस तरह का घटिया पोषण आहार दिया जाएगा तो कुपोषण कैसे दूर होगा, उलटे इसे खाने वाला कुपोषित हो जाएगा. उन्होंने मामले की जांच की मांग की.