नागपुर

Published: Jul 26, 2022 02:44 AM IST

Ganeshotsavगणेशोत्सव पर लगी सभी पाबंदियां हटीं, मंजूरी के लिए शुल्क भी नहीं लगेगा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. गणेश उत्सव को लेकर भले ही ऊंची मूर्तियों पर अब तक पाबंदी लगी रही हो लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निर्देशों के अनुसार अब गणेश उत्सव पर लगी सभी तरह की पाबंदियां हटा दी गई हैं. राज्य से प्राप्त निर्देशों के अनुसार अब सिटी में भी इसका पालन किया जाएगा. भले ही गणेश उत्सव पर से पाबंदियां हटाई गई हों लेकिन जिम्मेदारी पर्यावरणपूरक गणेशोत्सव मनाने की अपील मनपा आयुक्त राधाकृष्णन.बी ने की. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की ओर से गणेशोत्सव के लिए सुधारित मार्गदर्शिका जारी की गई. जिसके अनुसार गणेश मंडलों को पंडाल की अनुमति के लिए आवश्यक 200 रु. का शुल्क भी माफ कर दिया गया है.

मूर्तिकारों को भी नहीं लगेगा शुल्क

राज्य सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों के अनुसार अब मूर्तिकारों को भी उनके पंडाल के लिए अग्निशमन अधिकारी की ओर से लिए जानेवाले शुल्क भी माफ किए गए. इसी तरह से पंडाल तैयार करने के लिए बगीचा विभाग, सम्पत्ति विभाग और निजी भूखंडों पर लगने वाले शुल्क भी नहीं लिए जाएंगे. बताया जाता है कि इसके पूर्व मंडलों में स्थापित होने वाली मूर्ति के लिए 4 फुट की ऊंचाई निश्चित की गई थी. जिसे हटा दिया गया. इसी तरह से घरों में स्थापित होने वाली मूर्ति की 2 फुट की पाबंदी भी हटा दी गई है. अब किसी भी तरह की सीमा नहीं होगी. अब केवल मंडलों के गणेश विसर्जन के दौरान पुलिस बंदोबस्त की आवश्यकता होती है, इसी वजह से मंडलों को अनुमति के आवेदन के साथ कितने फुट की मूर्ति होगी और कहां विसर्जन होगा. इसकी जानकारी देनी होगी.

तालाबों में विसर्जन पर रहेगी पाबंदी

मनपा आयुक्त की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार भले ही कई तरह की पाबंदियां हटाई गई हों लेकिन गणेश मूर्तियों का तालाबों में विसर्जन पर पूरी तरह से पाबंदी होगी. इसके विकल्प के रूप में सिटी के अलग-अलग हिस्सों में विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाबों की व्यवस्था होगी. सार्वजनिक गणेश मंडलों की मूर्तियों के लिए कोई पाबंदी नहीं है. जिससे 4 फुट से अधिक ऊंची मूर्तियों का विसर्जन सिटी के बाहर करने की अपील भी आयुक्त ने की. सिटी के कृत्रिम तालाबों के आसपास बिजली की पर्याप्त व्यवस्था होगी. गणेश आगमन और विसर्जन के दौरान रैली निकालने के लिए पुलिस विभाग से मंजूरी लेना अनिवार्य होगा.