नागपुर

Published: Sep 30, 2020 02:01 AM IST

नागपुरबाल्या बिनेकर हत्याकांड: ऑनलाइन खरीदे गए हथियार

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. बाल्या बिनेकर हत्याकांड की जांच में लगातार नए खुलासे हो रहे है. जांच में पता चला कि बाल्या को मौत के घाट उतारने के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार ऑनलाइन खरीदे गए थे. इस प्रकरण में पुलिस ने चेतन हजारे गैंग की मदद करने वाले 2 और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. अब पकड़े गए आरोपियों की संख्या 6 हो गई है. पहले पुलिस ने चेतन सुनील हजारे (30), रजत राजा तांबे (22), आसिम विजय लुडेलकर (28) और भरत राजेंद्र पंडित (22) को पकड़ा था. मंगलवार को गिरफ्तार किए गए आरोपियों में बारासिग्नल, इमामवाड़ा निवासी आदर्श उर्फ पप्पी अनिल खरे (23) और तेलंगीपुरा, सिरसपेठ निवासी रवि उर्फ चिंटू सुरेश नागाचारी (32) का समावेश है.

न्यायालय ने आरोपियों को 5 अगस्त तक पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए है. चेतन सहित अन्य आरोपियों से पुलिस ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. वारदात को कैसे अंजाम दिया इसका पूरा ब्यौरा पुलिस के पास आ चुका है. जांच में पता चला कि चेतन के लिए उसके दोस्त आदर्श ने अमेजन और फ्लिपकार्ट नामक शॉपिंग साइट से हथियार खरीदे थे. पार्सल भी आदर्श के पास ही आए थे. उसने चेतन के लिए हथियार खरीदने की कबूली भी दी.

10 दिनों से कर रहा था रेकी
रवि नागाचारी भी चेतन और अनिकेत मंथापुरवार का करीबी मित्र है. किसी को संदेह न हो इसीलिए बाल्या के घर और गतिविधियों की रेकी करने में रवि की मदद ली. उसी ने आरोपियों को बाल्या के घर से निकलने की खबर दी थी. सीसीटीवी फुटेज की जांच में रवि निगरानी करता दिखाई दे रहा है. इसीलिए उन दोनों को भी इस प्रकरण में आरोपी बनाया.

पिछले 10 दिनों से हत्या की साजिश रची जा रही थी. घटना के 5 दिन पहले भी आरोपी घात लगाकर बैठे थे, लेकिन उस समय बाल्या के साथ उसके मित्र होने के कारण आरोपी पीछे हट गए. इसीलिए पुलिस ने आपराधिक षडयंत्र की धाराएं भी बढ़ा दी है. हत्या के बाद अनिकेत को भागने में रवि ने ही मदद की. उसे कुछ पैसे भी दिए. अनिकेत पर लूटपाट के मामले दर्ज है. वह कलमना थाने में दर्ज प्रकरण में भी फरार था.

क्लब संचालक की भूमिका
इस प्रकरण को लेकर बार-बार जुआ क्लब संचालक का नाम चर्चा में आ रहा है. पुलिस अधिकारियों को उसपर भी संदेह है. बताया जाता है कि अशोक चौक के समीप क्लब चलाने वाले पिता-पुत्र के साथ बाल्या का विवाद चल रहा था. दोनों उसके क्लब में सेंध लगाकर खिलाड़ियों को अपने अड्डे पर बुलाते थे. इस वजह से बाल्या ने उन्हें धमकाया भी था. इन पर शक होने की मुख्य वजह यह भी है कि बाल्या की हत्या में शामिल सभी आरोपी पिता-पुत्र के क्लब के आस-पास रहने वाले है. पुलिस इस दिशा में भी जांच करने वाली है.