नागपुर

Published: Dec 21, 2021 02:58 AM IST

ST Strikeसीएनजी गाड़ियां वसूल रहीं पैट्रोल का किराया, एसटी बसों की हड़ताल से बने हालात

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नागपुर. प्रदेश की सबसे लंबी चलने वाली एसटी बस हड़ताल प्राईवेट वाहनों के लिए वरदान साबित हो रही है. स्थानीय निवासियों के अनुसार ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में सीएनजी वाहन चलाए जा रहे हैं,लेकिन वे किराया पैट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों का वसूल रहे हैं. कई लोग इस मामले में अपनी आपत्ति दर्ज करा चुके हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही. लोगों का कहना है कि इन वाहनों में ज्यादा किराया देना उनकी मजबूरी बन गई है.

इधर एसटी बस प्रबंधन जल्द से जल्द खराब हुई परिवहन व्यवस्थाओं को पटरी पर लाना चाहता है. इसके लिए उसने सोमवार को भी अपने प्रयास जारी रखे. आज 12 बसों का संचालन किया गया. जिसमें 3 बस गणेश पेठ, 3 बस घाटरोड, 3 बस इमामवाड़ा, 2 बस उमरेड और वर्धमान के लिए चलाई. इन बसों ने कुल 34 फेरियां की. इन बसों ने 1878.4  किलोमीटर की यात्रा की. इनमें करीब 1374 लोगों ने अपनी यात्राएं कीं. प्रबंधन का कहना है कि वे लगातार प्रयास कर रहे हैं कि हड़ताल पर गए कर्मचारियों को वापस लाया जाए. इसके लिए लगातार बातचीत चल रही है. साथ ही उनके हकों को लेकर अच्छे फैसले भी सरकार द्वारा लिए जा रहे हैं. इधर कर्मचारियों का कहना है कि प्रबंधन उनकी मांगों को नहीं मान रहा है. जिसके कारण हड़ताल लंबी खिंच रही है. 

इमरजेंसी में सबसे ज्यादा दिक्कत

ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा दिक्कत तक आती है जब बीमार व्यक्ति को नागपुर अस्पताल आना होता है. नॉरमल दिनों में लोग बीमार होने पर एसटी बसों के माध्यम से सुबह नागपुर आकर इलाज अपने इलाज का काम दिनभर में निपटाकर शाम को घर पहुंच जाते थे. इसमें उन्हें कम समय के साथ ही  किराए पर कम खर्च करना पड़ता था. लेकिन अब इमरजेंसी में निजी वाहनों से आने पर उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इन वाहनों में सवारियां ठूंस-ठूंस कर भरी जाती हैं. जिससे इन्हें परेशानी होती है. 

सर्दी में भी नहीं रुक रहे कदम

प्रदेश में सर्दी ने अपनी दस्तक दे दी है. सामान्य तौर पर पारा 8 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने लगा है. लेकिन फिर भी शहर से मुंबई आजाद मैंदान में हड़ताल का समर्थन करने के लिए एसटी कर्मचारियों का दल लगातार जा रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें हड़ताल को किसी भी हालत में मंजिल तक पहुंचानी है. वे लगातार मुंबई जाते रहेंगे. उन्होंने किसी भी राजनैतिक संरक्षण लेने से भी इनकार कर दिया है. वे अपने दम पर यह जीत चाहते हैं.  इसी कारण वे सरकार से अपनी मांगों को लेकर लगातार डटे हुए हैं. उन्हें आशा है कि परिणाम अच्छे आएंगे.