नागपुर

Published: Jun 21, 2020 10:01 PM IST

मनपा आम बैठक मुंढे की उपस्थिति पर असमंजस, महापौर ने भेजा पत्र, कल मनपा की फिर सभा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. मनपा की आक्रोश सभा में व्यक्तिगत टिप्पणी किए जाने के कारण आयुक्त के चले जाने के बाद भले ही सदन की कार्यवाही स्थगित की गई हो, लेकिन अब मंगलवार को होने जा रही इस स्थगित सभा में आयुक्त मुंढे की उपस्थिति पर असमंजस की स्थिति बन गई है. इसी पेंच के बीच अब महापौर संदीप जोशी की ओर से पूरे घटनाक्रम पर मत व्यक्त कर सभा में उपस्थिति के लिए आयुक्त को अनुरोध पत्र भेजा. पत्र में उन्होंने खुलासा किया कि सदन के मुखिया और महापौर होने के नाते निर्देश देने की भले ही प्रथा और परंपरा हो, लेकिन इसे नम्रता से परे रखकर अनुरोध किया जा रहा है. यहां तक कि सभा में उपस्थिति की राह देखने का खुलासा भी पत्र में किया.

ग्वालबंशी के शब्दछल का समर्थन नहीं
आयुक्त को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा कि सदन के कुछ नियम होते हैं. जनप्रधिनियों के रूप में पार्षदों को कुछ अधिकार प्राप्त है. यदि सदन में अधिकारी कुछ जवाब दे रहे हो, तो पार्षदों को पाईंट आफ आर्डर और पाईंट आफ इन्फार्मेंशन के माध्यम से रोककर आपत्ति दर्ज करने का भी अधिकार है. पार्षद हरीश ग्वालबंशी के प्रश्न पर जवाब देते समय ज्येष्ठ पार्षद दयाशंकर तिवारी द्वारा पाईंट आफ इन्फार्मेशन के तहत कुछ जानकारी देने का प्रयास किया. लेकिन इसी बीच आपने कोई भी बीच में ना बोले, इस तरह की भूमिका उचित नहीं रही है. घटनाक्रम के बीच ही पार्षद ग्वालबंशी द्वारा आपके नाम के संदर्भ में जो शब्दछल किया गया. उसका कोई भी समर्थन नहीं कर सकता है. किंतु इसे रेकार्ड पर से निकालने का अनुरोध करने पर तत्काल इसके आदेश दिए जा सकते थे. पत्र में कहा गया कि कई बार सदन में गैरशब्दों का उपयोग होता है. लेकिन ऐसा होने पर उसे रेकार्ड पर नहीं लेने के निर्देश दिए जाते है. 

पद, सदन और लोकतंत्र की गरीमा कलंकित करनेवाला वर्तन
महापौर ने कहा कि इस तरह से सभा का त्याग करने की कार्यप्रणाली आयुक्त के पद, सदन और लोकतंत्र की गरीमा कलंकित करनेवाली है. इसके बावजूद सदन की गरीमा बरकरार रखने के लिए अति. आयुक्त की ओर से फोन पर सदन में आने का अनुरोध किया गया. मैने स्वयं भी फोन कर अनुरोध किया. लेकिन आपने जहां अपमान हुआ हो, वहां नहीं आने की भूमिका बरकरार रखी. सदन की दृष्टि से तथा शहर के विकास की दृष्टि से यह नुकसानदेह है. सदन के बाहर कुछ लोगों द्वारा आयुक्त का समर्थन किए जाने के मामले पर महापौर ने कहा कि यदि सदन के बाहर के इस चित्र को आपके द्वारा रोका गया होता, तो आपके बडप्पन का अनुभव शहवासियों को हुआ होता. लेकिन दुर्भाग्य से यह नहीं हुआ है.