नागपुर

Published: Dec 03, 2021 03:46 AM IST

Tiger Attacksबाघों के हमलों में लगातार वृद्धि, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo

नागपुर. ताडोबा अंधारी टाइगर प्रोजेक्ट में हाल ही में वन रक्षक स्वाति धुमाने की बाघिन के हमले में हुए मृत्यु तथा इस तरह के हमलों में लगातार हो रही वृद्धि को लेकर उदयन पाटिल की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश अनिल पानसरे ने राज्य सरकार और वन विभाग को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. राधिका बजाज और सरकार की ओर से मुख्य सरकारी वकील केतकी जोशी ने पैरवी की. याचिकाकर्ता ने घटना के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि वन रक्षक अपनी जिम्मेदारी का वहन करते हुए जंगल में गश्त लगा रही थी. इसी दौरान टी-12 नामक बाघिन ने जानलेवा हमला कर दिया. इस बाघिन ने पहली बार मानव का शिकार किया. वन रक्षक के पास उस समय कोई भी फायर आर्म नहीं था.

झाड़ियों में छिपकर जाना पड़ा महंगा

याचिकाकर्ता ने कहा कि जंगल में गश्त लगाते समय वह बाघिन वन सड़क के बीच बैठी हुई थी. वन रक्षक कुछ मजदूरों के साथ पैदल जा रही थी. बाघिन को बीच में बैठे देख कुछ देर के लिए दूरी पर इंतजार किया किंतु वह नहीं उठी. ऐसी स्थिति में सड़क पार कर दूसरी दिशा में अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए उन्होंने झाडि़यों के पीछे की वैकल्पिक पगडंडी से जाने का फैसला लिया. छिपकर जाते समय झाडि़यों के पीछे कोई शिकार होने की सरसरी सुनते ही बाघिन ने वहां पर हमला बोल दिया जिसमें वन रक्षक की जान चली गई. गत 3-4 वर्षों में बाघों के हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. 20 नवंबर 2021 को हुई इस घटना से पूर्व गड़चिरोली वन में बाघ ने एक व्यक्ति पर हमला कर दिया था. 

पर्याप्त सुरक्षा संसाधनों की जरूरत

सुनवाई के बाद अदालत ने आदेश में कहा कि तमाम समस्याओं को देखते हुए उपाय करने जरूरी हैं. जंगली जानवरों को जंगलों के भीतर ही अतिरिक्त प्राकृतिक भोजन उपलब्ध कराया जाना चाहिए. इसके अलावा स्टाफ को सक्षम ट्रेनिंग दी जानी चाहिए. रक्षकों को गले के चारों ओर के लिए प्रोटेक्टिव गार्ड्स और हथियारों से लैस किया जाना चाहिए. सैर के लिए जंगलों में जाने वाले पर्यटकों को भी जंगली जानवरों के बर्ताव को लेकर उचित जानकारी देनी चाहिए. पर्यटन के लिए उपयोग की जाने वाली जिप्सी के बदले सुरक्षित बस का उपयोग किया जाना चाहिए. इस तरह के पार्क, अभ्यारण्य और अन्य वन क्षेत्रों के आस-पास के गांवों में छोटे उद्योग होने चाहिए ताकि इंसान की वनों पर निर्भरता खत्म हो सके. इस तरह से वन्य जीव और इंसान दोनों सुरक्षित रह सकेंगे. सुनवाई के बाद अदालत ने यह आदेश जारी किए. 

इस तरह से हो रहीं घटनाएं

वर्ष घटनाएं

2017 54

2018 33

2019 39

2020 88

2021 52