नागपुर

Published: Oct 13, 2020 01:30 AM IST

नागपुरकोरोना : एम्स में 500 बेड की हो व्यवस्था

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. कोरोना के उपचार के लिए अस्पताल और अन्य व्यवस्था को लेकर छपी खबरों पर स्वयं संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकृत किया. याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान एम्स की ओर से दायर हलफनामा में कुछ जानकारी उजागर किए जाने के बाद न्यायाधीश रवि देशपांडे और न्यायाधीश पुष्पा गनेडीवाला ने एम्स में 500 बेड की व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में एम्स के अधिकारियों के साथ समन्वय करने के आदेश विभागीय आयुक्त को दिए.

अदालत ने आदेश में कहा कि एम्स में 500 बेड की व्यवस्था करने के संदर्भ में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में निर्णय लिया गया. जिससे अब एम्स ने आगे आना चाहिए. अदालत मित्र के रूप में अधि. श्रीरंग भांडारकर, केंद्र सरकार की ओर से अधि. औरंगाबादकर, मनपा की ओर से अधि. सुधीर पुराणिक और राज्य सरकार की ओर से अधि. ठाकरे ने पैरवी की.

जुलाई 2021 में तैयार होगी इमारत

एम्स की ओर से दायर हलफनामा में बताया गया कि कोरोना का प्रभाव शुरू होते ही ओपीडी बिल्डिंग की 5वीं मंजिल पर 80 बेड की व्यवस्था की गई. जिसमें 40 बेड के लिए आक्सीजन की व्यवस्था भी की गई. अबतक यहां पर 800 मरीजों का इलाज किया गया है. आयुष और धर्मशाला बिल्डिंग अलग से अस्थायी तौर पर 50 बेड की व्यवस्था प्रत्येक इमारत में की जा सकती है. एम्स में वर्तमान में 100 बेड की व्यवस्था की गई है. 500 बेड को लेकर राज्य सरकार के प्रस्ताव पर एम्स ने कहा कि इनडोअर मरीजों के लिए तैयार की जा रही इमारत में 500 बेड की व्यवस्था हो सकती है, किंतु इस इमारत का निर्माण चल रहा है. जो जुलाई 2021 में पूरा हो सकेगा.

आंकलन करें टाक्स फोर्स 

सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित विभागीय आयुक्त संजीव कुमार ने टाक्स फोर्स के माध्यम से संभावनाओं का आंकलन करने का सुझाव दिया. जिस पर अदालत ने विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में एम्स की निदेशक डा. विभाग दत्ता, मेडिकल के डीन सजल मिश्रा और मेयो के डीन केवलिया की टीम को एम्स का अवलोकन करने के आदेश दिए. साथ ही एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने के आदेश भी अदालत ने दिए. अदालत ने आदेश में कहा कि वर्तमान में जो 100 बेड की व्यवस्था है, इसके आधार पर उपचार की सुविधाएं जारी रहनी चाहिए. बेड और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विभागीय आयुक्त को हरसंभव सहयोग करने के आदेश भी दिए गए.