नागपुर

Published: Nov 10, 2021 11:45 PM IST

Chhath Pujaदर्शन देहु न अपार हे छठी मैया..., महिलाओं ने अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दे मांगी खुशहाली

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. दर्शन देहु न अपार हे छठी मैया…उग हे अरघ के बेरिया…सुन ले अरजिया हमार हे छठी मैया.. जैसे भोजपुरी गीतों की गूंज बुधवार शाम तालाबों के घाटों और मंदिरों में सुनाई पड़ी. अवसर था सूर्य आराधना के छठ महापर्व का. शहर में 25 से अधिक स्थानों पर भोजपुरी समाज की महिलाएं व परिजनों ने अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा की.तालाबों और जलकुंडों में दीप प्रवाहित किए.

इसके लिए व्रतधारियों ने मंगलवार से ही तैयारी शुरू कर दी थी. घरों में खरना रस्म के साथ प्रसाद ग्रहण कर व्रत करना शुरू कर दिया था. इसका समापन गुरुवार को उदित होते सूर्य की पूजा के बाद होगा. इधर छठ पूजा करने वालों में इस बार ऐसी महिलाएं भी शामिल हुई हैं जिन्होंने पहली बार 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा है. इन महिलाओं का कहना है कि उपवास से पहले जब संकल्प लिया था तब थोड़ा डर लगा कि आखिर इतना कठिन व्रत कैसे रखेंगे, पर व्रत के बाद सब कुछ सामान्य है. अंदर ही अंदर एक नई ऊर्जा का आभास हो रहा है.

इसलिए कहते हैं साधना का पर्व 

परिवार की समृद्धि,संतान प्राप्त होने पर उसके अच्छे स्वास्थ्य की कामना, तो कोई महामारी से परिवार को बचाए रखने के लिए छठ मैया और सूर्यदेव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए उपवास कर रहा है. महिलाओं का कहना है कि पूर्ण मनोरथ के लिए साधना और उपासना दोनों जरूरी हैं. 

एक-दूसरे को दिया महाप्रसाद 

आज अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित किया गया. महापर्व छठ को लेकर शहर में उत्साह का माहौल देखा गया. छठ मइया के गीतों से पूरा क्षेत्र गूंजायमान हो उठा. इस महापर्व को लेकर व्रतियों व श्रद्धालुओं में खासा उत्साह दिखा. इससे पहले मंगलवार को छठव्रतियों ने खरना की पूजा की थी. साथ ही देर शाम लोगों ने एक-दूसरे के घर जाकर खरना का महाप्रसाद ग्रहण किया.