नागपुर
Published: Nov 08, 2023 11:55 PM ISTDeekshabhoomi Nagpur News: दीक्षाभूमि : मार्च में मिली प्रशासकीय मंजूरी, प्रन्यास ने हाई कोर्ट में दायर किया शपथपत्र;
- 200 करोड़ का प्रस्ताव
- 40 करोड़ प्रन्यास को आवंटित
नागपुर. शिर्डी और शेगांव जैसे धार्मिक स्थलों की तर्ज पर उपराजधानी स्थित दीक्षाभूमि का विकास करने के लिए प्लान तैयार करने और उसके लिए पर्याप्त निधि का प्रावधान कर समयबद्ध तरीके से विकास करने की मांग को लेकर अधि. शैलेश नारनवरे द्वारा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रन्यास की ओर से शपथपत्र दायर किया गया जिसमें मार्च 2023 में 200 करोड़ रुपए के दीक्षाभूमि विकास के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने प्रशासकीय मंजूरी दिए जाने की जानकारी उजागर की. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. शैलेश नारनवरे ने पैरवी की. हलफनामा में बताया गया कि 20 जनवरी 2023 को मुंबई मंत्रालय में बैठक हुई थी जिसमें प्रकल्प के कार्यान्वयन के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था.
कंपनी को कार्यादेश भी जारी
शपथपत्र में बताया गया कि हाई पावर कमेटी द्वारा दिए गए सुझावों के अनुसार विकास को साधने के लिए टेंडर जारी किया गया जिसमें सर्वाधिक न्यूनतम बोली लगाने वाली मेसर्स वाईएफसी-बीबीजी नामक जेवी कंपनी को कार्यादेश भी जारी किया गया. याचिकाकर्ता ने याचिका में बताया कि शेगांव, शिर्डी, कुंभ मेले के लिए नाशिक शहर, त्र्यंबकेश्वर और पंढरपुर सहित नागपुर जिले के कोराडी स्थित महालक्ष्मी देवस्थान के लिए राज्य सरकार की ओर से विस्तृत प्लान तैयार किया गया.
उपराजधानी स्थित दीक्षाभूमि भी विश्व स्तर का धार्मिक स्थल है जहां हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. दीक्षाभूमि को सामाजिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्व है लेकिन अब तक यहां आने वाले लोगों को स्थायी सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं. इससे श्रद्धालुओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
इस तरह रहा याचिका का सफर
- 12 दिसंबर 2018 को पहली बार प्रतिवादियों को नोटिस जारी हुआ.
- 20 मार्च 2019 को 100 करोड़ मंजूर होने तथा 40 करोड़ प्रन्यास को दिए जाने की जानकारी उजागर की गई.
- 11 मार्च 2020 को दीक्षाभूमि विकास का प्रारूप प्रशासकीय मान्यता के लिए भेजे जाने की जानकारी दी गई.
- 18 जनवरी 2023 को 3 वर्ष बाद याचिका सुनवाई के लिए तो रखी गई किंतु प्रतिवादियों की ओर से समय मांगा गया.
- 25 अक्टूबर 2023 को 10 माह बाद अब विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए गए हैं.
- 7 नवंबर को प्रन्यास का शपथपत्र दायर हुआ.