नागपुर

Published: Feb 02, 2022 03:15 AM IST

प्रभाग रचनादिग्गज पार्षदों को झटके, आरक्षण की भी लटकी है तलवार

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo

नागपुर. मनपा के आम चुनाव को लेकर मंगलवार की घोषित प्रभाग रचना का प्रारूप भले ही कच्चा हो लेकिन आपत्ति और सुझावों के बाद भी इसमें अधिक परिवर्तन होने की संभावना नगण्य है. इससे घोषित हुई प्रभाग की सीमाओं के अनुसार जहां कई दिग्गज पार्षदों को झटके लगे हैं, वहीं कुछ वर्तमान पार्षदों के लिए राहत की खबर रही है. इसके अलावा अब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के आरक्षण को लेकर लॉटरी की तलवार अटकी हुई है.

जानकारों के अनुसार 52 प्रभागों में 156 सदस्य संख्या में 50 प्रतिशत महिलाओं का आरक्षण होने के कारण प्रत्येक प्रभाग में एक महिला पार्षद का आरक्षण सुनिश्चित है, जबकि अन्य 26 प्रभागों में भी दूसरा सदस्य महिला के रूप में आना तय माना जा रहा है. कौनसे प्रभागों में 2 महिला सदस्य रहेंगी इसका निर्धारण आरक्षण की लॉटरी के बाद ही तय होगा जिससे भले ही कई वर्तमान पार्षदों का क्षेत्र कुछ हद तक सुरक्षित हुआ हो लेकिन उनके टिकट का फैसला आरक्षण के बाद ही हो सकेगा.

कांग्रेस-भाजपा के कुछ गढ़ बरकरार

राजनीतिक जानकारों के अनुसार उत्तर, मध्य, दक्षिण, पश्चिम और पूर्व के कुछ प्रभागों में नई प्रभाग रचना के कारण फिर एक बार कांग्रेस के लिए सकारात्मक प्रभाग उजागर हो रहे हैं. इसी तरह से दक्षिण-पश्चिम, पूर्व, पश्चिम में भाजपा के लिए भी इसी तरह के प्रभाग समीकरण उजागर हो रहे है. इनमें कुछ ऐसे प्रभाग हैं जहां भाजपा का गट्ठा मतदान है. नई प्रभाग रचना में इसमें किसी तरह का अंतर नहीं पड़ा है. इसी तरह से कांग्रेस के लिए कुछ प्रभागों में उनके समर्थित मतदाताओं का क्षेत्र शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है. जानकारों के अनुसार जिस तरह से राज्य चुनाव आयोग की ओर से प्रभाग रचना की गई, उसके अनुसार कांग्रेस और भाजपा के लिए सत्ता में आने के समान अवसर हैं. हालांकि गत 15 वर्षों से सत्ता में होने के कारण भाजपा के लिए यह चुनाव किसी चुनौती से कम नहीं है. 

वरिष्ठ पार्षदों का हो सकता पत्ता साफ

जानकारों के अनुसार भाजपा की ओर से कई बार सर्वे कराए गए जिसके बाद कई पार्षदों के टिकट कटने के कयास लगाए जा रहे थे. यहां तक कि कई कार्यक्रमों में नेताओं की ओर से भी इसके संकेत दिए गए. प्रभाग रचना में कई वरिष्ठ पार्षदों के वर्तमान क्षेत्र पूरी तरह से बंट गए हैं जिससे इनका पत्ता साफ हो सकता है. लगभग प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कई वरिष्ठ पार्षदों के लिए प्रभाग रचना किसी ‘बम’ से कम नहीं रही है. वर्तमान प्रभाग प्रभावित होने के बावजूद इन वरिष्ठ पार्षदों की ओर से किसी न किसी प्रभाग से लड़ने का मानस जताया जा रहा है. इससे टिकट बंटवारे के समय राजनीतिक दलों और विशेष रूप से भाजपा के माथे पर बल पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता.