नागपुर

Published: Mar 17, 2021 11:30 PM IST

E-Rickshaw Standस्टेशन परिसर में हो ई-रिक्शा स्टैंड, सुविधा होगी तो बढ़ेगा उपयोग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नागपुर. केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देश में ई-रिक्शा की संकल्पना पेश की और लोगों ने इसे हाथों हाथ अपनाया. हालांकि, इसका उचित उपयोग नहीं हो पा रहा क्योंकि अब इसे सार्वजनिक तौर पर उतना विस्तार नहीं दिया गया. नागपुर आने पर स्वयं इलेक्ट्रिक कार उपयोग कर रहे केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अपने शहर से ही इसकी शुरुआत कर सकते हैं, स्टेशन पर ई-रिक्शा स्टैंड शुरू करवाकर. वर्तमान में स्टेशन परिसर में ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. निश्चित तौर पर सुविधा उपलब्ध होगी तो यात्री उपयोग करेंगे और संकल्पना को विस्तार मिलेगा.

ऑटो, कैब को मंजूरी तो इन्हें क्यों नहीं

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में सिटी में बड़ी संख्या में ई-रिक्शा चलाये जा रहे हैं. यह यात्रियों को कम खर्च में सार्वजनिक परिवहन सुविधा मानी जा सकती है. लेकिन आज भी ई-रिक्शा चालकों को चौराहों पर खड़े होकर सवारी लेने नहीं दिया जाता. स्टेशन परिसर की बात करें तो यहां ऑटो और कैब भीतर आकर सवारी उतार सकते हैं लेकिन ई-रिक्शा चालकों को खड़े तक नहीं होने दिया जाता. ऐसे में सवाल उठता है कि जब ऑटो और कैब स्टेशन परिसर में आ सकते हैं तो फिर ई-रिक्शा चालकों को क्यों नहीं.

थोड़ी समाजसेवा ई-रिक्शा चालकों के साथ भी हो

स्टेशन परिसर की बात करें तो ऑटो चालकों की मनमानी से हर कोई वाकिफ है. प्रीपेड बूथ के नाम पर यहां रेलवे की लाखों की जमीन पर वर्षों से कब्जा जमाये रखा गया है. एक ओर जहां ओला कैब को एक बार में केवल 10 गाड़ियों की पार्किंग के लिए करीब 33 लाख रुपये का ठेका दिया गया था. जबकि कई हजार वर्ग फुट की जगह पर चल रही प्रीपेड ऑटो पार्किंग में एक बार में 50 से अधिक ऑटो बिना किसी शुल्क के खड़े रहते हैं. ऐसे में थोड़ी समाजसेवा करते हुए ई-रिक्शा चालकों को भी जगह मिलनी चाहिए. 

2 लेन की जगह उपलब्ध

यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यदि मध्य रेल नागपुर मंडल इस बारे में विचार करें तो यह संभव है. प्रीपेड बूथ पार्किंग और स्टाफ पार्किंग के बीच 2 लेन की जगह हमेशा खाली रहती है. यह जगह ई-रिक्शा स्टैंड के लिए उपयोग की जा सकती है. इसमें कोई दोराय नहीं कि स्टेशन पर ई-रिक्शा स्टैंड बनने से कई यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी. अनेक यात्री ऐसे होते हैं जिनके लिए कैब या ऑटो का किराया देना मुश्किल होता है. उन्हें स्टेशन परिसर से बाहर निकलकर देर तक स्टार बस का इंतजार करना पड़ता है. ऐसे सामान्य यात्रियों के लिए ई-रिक्शा सुविधा बड़ी मददगार साबित होगी.