नागपुर

Published: Jul 21, 2021 11:15 PM IST

Encouragementसड़क किनारे डटे अतिक्रमणकारी, ठोस कार्रवाई नहीं होने से बढ़ रही समस्या

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. अतिक्रमण उन्मूलन विभाग द्वारा सतत रूप से कार्रवाई किये जाने के बाद भी सिटी के अनेक हिस्सों में स्थिति खराब है. कार्रवाई का असर कुछ ही देर तक दिखाई देता है, उसके बाद हालत जस की तस हो जाती है. इन दिनों उत्तर नागपुर के कमाल चौक से लेकर इंदोरा चौक तक सड़क पर चलना मुश्किल हो रहा है. शाम के बाद सड़क किनारे अतिक्रमण की वजह से मात्र आटो जाने भर की जगह रहती है. 

उक्त मार्ग पर दूकानों की भरमार है. दूकानों के सामने फुटपाथ होने की वजह से दूकान में आने वाले ग्राहक सड़क किनारे ही अपने वाहनों को पार्क करते हैं. इसके बाद ठेलेवालों का कब्जा हो जाता है. इस हालत में सड़क संकरी बन जाती है. यदि किसी दूकान के सामने आटो या कार खड़ी हो जाए तो लंबा जाम लग जाता है. हालांकि परिसर में ही बाजार बना है. जहां फल और अन्य दूकानों के लिए जगह दी गई है. इसके बावजूद ठेलेवाले सड़क पर घूमकर अपना व्यवसाय करते हैं. इस वजह से ट्राफिक की समस्या निर्माण हो जाती है. 

रानी दुर्गावती चौक पर अफरातफरी 

इसी तरह चंभार नाले से होते हुए रानी दुर्गावती चौक की ओर जाने पर संकरे मार्ग के किनारे भी दूकानों का अतिक्रमण हो गया है. पहले से ही सड़क की चौड़ाई कम है. वहीं दूसरी ओर अतिक्रमण किए जाने से पैदल चलने वालों के लिए जगह ही नहीं बची है. इस मार्ग पर सुबह और शाम के वक्त काफी भीड़ रहती है, लेकिन इस क्षेत्र में कार्रवाई बहुत कम होती है.

नागरिक भी परेशान हो गए हैं. कई बार भारी वाहन फंस जाने पर लंबा जाम लग जाता है. नाले की दीवार से लगकर ही लोगों ने अस्थायी दूकानें बना ली हैं. प्रशासन द्वारा सिटी के कुछ ही इलाकों में कार्रवाई की जाती है, लेकिन कई इलाकों को छोड़ दिया गया है. यही वजह है कि बाद में समस्या नासूर बन जाती है. 

नियमित पेट्रोलिंग की जरूरत 

रानी दुर्गावती चौक पर आते-आते स्थिति और भी भयंकर हो जाती है. चौक पर सिग्नल नहीं लगे हैं. इस वजह से वाहन चालकों की भीड़ बढ़ जाती है. वहीं सड़क किनारे विविध तरह की दूकानें और ठेले होने से कई बार दुर्घटना की संभावना भी बनी रहती है. नागरिकों की मांग है कि अतिक्रमण उन्मूलन विभाग सहित ट्राफिक विभाग द्वारा समय-समय पर पेट्रोलिंग की जानी चाहिए. ताकि अतिक्रमण जमने ही न पाए. लेकिन नियमित रूप से कार्रवाई नहीं होने का ही नतीजा है कि अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं.