नागपुर

Published: Jan 23, 2022 03:51 AM IST

Exams'जहां स्कूल वहां केंद्र' पैटर्न पर ली जाये परीक्षा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo

नागपुर. एक ओर जहां कोरोना संक्रमण कम होने का नाम नहीं ले रहा है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग ने सोमवार से स्कूल शुरू करने की घोषणा कर दी है. हालांकि नागपुर सहित विदर्भ में फिलहाल 1-2 सप्ताह स्कूल शुरू होने जैसी स्थिति नहीं है. बोर्ड की परीक्षा मार्च से ली जाने वाली है, लेकिन तब तक संक्रमण कम होगा या नहीं बताया नहीं जा सकता. यही वजह है कि अब ‘जहां स्कूल वहां केंद्र’ पैटर्न पर परीक्षा लिये जाने की मांग होने लगी है. मार्च से 10वीं व 12वीं की परीक्षा ली जाएगी.

परीक्षा में छात्रों को अलग-अलग केंद्र दिये जाते हैं. यानी एक केंद्र पर अलग-अलग स्कूलों के छात्र शामिल होते हैं. मार्च तक संक्रमण कम होगा इस बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है. ऐसी हालत में एक केंद्र में अलग-अलग स्कूलों के छात्र आने से संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है. यही वजह है कि छात्र जिस स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं, उसी स्कूल में केंद्र दिया जाना चाहिए. इससे बाहरी छात्र नहीं आने से संक्रमण का भी खतरा नहीं रहेगा. 

पिछले वर्ष भी इसी व्यवस्था पर लगी थी मुहर 

पिछले वर्ष शिक्षा विभाग ने बोर्ड परीक्षा के लिए यही पैटर्न तय किया था. इसके लिए निरीक्षण अन्य स्कूलों के शिक्षकों को बनाया गया था लेकिन बाद में परीक्षा ही रद्द कर दी गई थी. वैसे भी प्रैक्टिकल सहित मौखिक परीक्षा में पर्यवेक्षक दूसरे स्कूलों के शिक्षक होते हैं. यही पैटर्न लिखित परीक्षा के लिए भी लागू किया जा सकता है. इससे छात्रों को भी आसानी होगी. हालांकि शहरी भागों के छात्रों को आसपास के केंद्र मिल जाते हैं लेकिन ग्रामीण भागों के छात्रों को दूर-दूर केंद्र दिये जाते है. कई बार एक गांव के छात्रों को दूसरे गांव में केंद्र मिलते है. इससे छात्रों की परेशानी बढ़ सकती है. अब परीक्षा के लिए ज्यादा समय नहीं रह गया है. यही वजह है कि शिक्षा विभाग को जल्द ही निर्णय लेना होगा.

हालात अब भी खराब है. मार्च में कोरोना को लेकर क्या स्थिति बनती है, कहा नहीं जा सकता. यही वजह है कि बोर्ड परीक्षा के लिए होम सेंटर बनाये जाने चाहिए. कोरोना संक्रमण के उपाय योजना में यह बेहतरीन कदम हो सकता है. इस संबंध में शिक्षक भारती की ओर से जल्द ही शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर मांग भी की जाएगी. 

– राजेंद्र झाडे, राज्य उपाध्यक्ष, शिक्षक भारती 

कोरोना की वजह से अनेक छात्र पीड़ित हुये हैं. वैक्सीन लगाने के बाद भी किशोर से लेकर युवाओं को बाधा हुई है. परीक्षा में अलग-अलग केंद्र होने से संक्रमण के फैलने की संभावना बनी रहेगी. यही वजह है कि सरकार को चाहिए कि ‘जहां स्कूल वहां केंद्र’ पैटर्न पर व्यवस्था लागू करे. इससे संक्रमण से बचने में मदद मिल सकेगी. साथ ही छात्रों को भी आसानी होगी. इस बारे में शिक्षा विभाग को गंभीरता से विचार करना चाहिए. 

– विलास केरडे, प्रांतीय उपाध्यक्ष, विजुक्टा