नागपुर

Published: Aug 11, 2020 03:12 AM IST

नागपुरसंभ्रम में गणेश मूर्तिकार, मंजूरी प्राप्त करने में मशक्कत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नागपुर. कोरोना के लगातार बढ़ते मरीजों और सोशल डिस्टेन्सिंग की उड़ रही धज्जियों को देखते हुए मनपा प्रशासन की ओर से जहां मंडलों को साधे स्तर पर गणेशोत्सव मनाने की अपील की गई, वहीं दूकानदारों को भी कुछ दिशा निर्देश जारी किए गए. वर्ष भर में केवल त्यौहारों के दौरान व्यापार कर परिवार का गुजर बसर करनेवाले इन मूर्तिकारों की ओर से राहत देने की मांग मनपा प्रशासन से की गई थी. यहां तक कि कुछ जनप्रतिनिधियों ने भी मूर्तिकारों के संदर्भ में यथायोग्य निर्णय लेने की मांग की थी. किंतु गणेश मूर्तियां बेचने के लिए आवश्यकता अनुसार मंजूरी प्राप्त करने में दूकानदारों को भारी मशक्कर करनी पड़ रही है. जबकि प्रशासन की ओर से किसी तरह की अलग शर्त नहीं होने का खुलासा किए जाने से मूर्तिकार संभ्रम की स्थिति में है.

जोन कार्यालय से प्रतिसाद नहीं
सूत्रों के अनुसार मूर्ति व्यापारियों का क्षेत्र गांधीबाग जोन अंतर्गत आने तथा जोनल कार्यालय में कोरोना पाजिटिव मरीज मिलने के बाद से कार्यालय बंद होने के कारण किसी तरह का प्रतिसाद नहीं मिल रहा है. जबकि त्यौहार अब सीर पर आ गये है. हालांकि सीमित दायरे में रहकर मूर्तियों का व्यापार तो किया जा रहा है, लेकिन त्यौहारों के दौरान होनेवाली भीड़ को देखते हुए अधिक जगह की आवश्यकता होती है. जिसके लिए मंजूरी आवश्यक है. एक ओर परंपरागत तरिके से मूर्तियां बनानेवालों पर संकट है, वहीं पीओपी की मूर्तियां भी बाजार में आने से दोहरे संकट से जूझना पड़ रहा है. 

आड-इवन में लगाए दूकान
मनपा प्रशासन के उच्च अधिकारी के अनुसार मिशन बिगीन अगेन के नए दिशा निर्देशों के अनुसार भले ही कुछ छूट प्रदान की गई हो, लेकिन त्यौहारों के दौरान मूर्तियों के लिए होनेवाली भीड़ को देखते हुए इन दूकानदारों को आड़-इवन पद्धति से व्यापार करने का सुझाव दिया गया है. भीड़ के कारण न केवल लोगों को बल्की दूकानदारों को भी बाधा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. जनता के हितों के लिए ही इस तरह के सुझाव दिए जा रहे हैं. जिसका उन्होंने पालन करना चाहिए.