नागपुर

Published: Jun 06, 2022 02:24 AM IST

Gangster Abu arrestedभंडारा में धरा गया गैंगस्टर आबू, मोका के मामले में 7 महीनों से था फरार

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
प्रतिकात्मक तस्वीर

नागपुर. शहर के चर्चित गैंगस्टर आबू उर्फ फिरोज खान को डीसीपी जोन 4 नुरुल हसन के विशेष दस्ते ने भंडारा से गिरफ्तार किया. एक के बाद एक जमीनों पर कब्जा करने और फिरौती के मामले दर्ज होने के बाद पुलिस ने आबू और उसकी गैंग के खिलाफ मोका लगा दिया था लेकिन पिछले 7 महीनों से वह पुलिस को चकमा देकर भाग रहा था. आखिर उसे गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिल गई.

आबू के खिलाफ 50 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं. केवल आबू ही नहीं पिछले 2 दशकों से उसके भाइयों ने भी बड़ा ताजबाग परिसर में अपनी धाक बनाई हुई थी. किसी समय अफजल नामक अपराधी के साथ आबू का छत्तीस का आकड़ा हुआ करता था लेकिन अफजल के जाने के बाद तो आबू ताजबाग में राज करने लगा. जहां, जिसकी चाहता उसकी संपत्ति पर अपना कब्जा जमा लेता था. बड़ा ताजबाग दरगाह परिसर में हर मौके की जगह पर आबू का ही कब्जा था.

CP ने दी थी सुधरने की हिदायत

मेफेड्रोन ड्रग्स बिक्री के मामले में गिरफ्तार होने के बाद भी आबू सेटिंग से बाहर आ गया. यह मामला भी काफी चर्चा में रहा लेकिन किसी न किसी दिन पाप का घड़ा भरता ही है. लोग आबू और उसकी गैंग से इतने परेशान हो गए थे कि पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के जनता दरबार में उसके खिलाफ शिकायतों का तांता लग गया. खुद सीपी अमितेश ने आबू और उसके परिवार को चेताया था कि सारी अवैध और आपराधिक गतिविधियां बंद करें वरना अंजाम बुरा होगा. इसके बाद भी आबू के खिलाफ शिकायतें आ रही थी. किसी ने धोखाधड़ी तो किसी ने जबरन संपत्ति पर कब्जा जमाने की शिकायत की. किसी ने बताया कि आबू के लोग अवैध वसूली करते हैं. आबू ने ताजुद्दीन बाबा के गद्दीनशीन तालिब बाबा को भी मारने की धमकी दी थी. उसे पैर पसारते देख सक्करदरा थाने में 6 मामले दर्ज किए गए. आबू अपनी गैंग के साथ आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता था. इसीलिए बीते वर्ष नवंबर में उसके खिलाफ मोका लगाया गया. 

लगातार निगरानी कर रहे थे DCP हसन 

तब से आबू पुलिस से बचता घूम रहा था. सीडीआर और आईपीडीआर पर पुलिस लगातार नजर बनाए हुए थी. साथ ही पंटरों को भी काम पर लगाया था. नागपुर से फरार होकर वह गड़चिरोली, अमहदाबाद, मेहसाना, अमरावती, उमरेड और भंडारा में समय काट रहा था. इसके पहले एक टीम उसे गिरफ्तार करने के लिए अहमदाबाद भी गई थी लेकिन वहां से भी आबू भाग निकला था. डीसीपी नुरुल हसन किसी भी तरह आबू को गिरफ्तार करना चाहते थे. इसीलिए एक टीम को लगातार उसकी गतिविधियों पर निगरानी रखने को कहा गया. आखिर भंडारा के बसुरा टोला परिसर से उसे गिरफ्तार किया गया. सोमवार को उसे न्यायालय में पेश करके पुलिस हिरासत ली जाएगी.