नागपुर

Published: Jun 01, 2020 07:57 PM IST

नवभारत वाइब्स कोरोना काल में सरकार शिक्षण संस्थानों और विद्यार्थियों को दें रियायत : डॉ. एल.आर. यादव

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. नवभारत  ‘Vibes सीरीज ऑफ़ वेबिनार्स’ में डॉ. एल.आर. यादव हमारे साथ मुखातिब हुए और उन्होंने कोरोना परिदृश्य में बदलते शिक्षा प्रणाली पर हमसे बात की। वैश्विक महामारी के दौरान ‘विद्यार्थियों और शिक्षण संस्थानों पर पड़ने वाले प्रभाव’ के बारें में उन्होंने हमसे चर्चा की। उन्होंने बताया कि किस तरह लॉक डाउन के चलते विद्यार्थियों से लेकर शिक्षण संस्थानों को कठिनाईओं का सामना करना पड़ रहा है। 

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डॉ. एल.आर. यादव ने कोरोना संक्रमण पर चर्चा करते हुए बतलाया की इस तरह की बीमारियों का सामना पूरी दुनिया को काफी वर्षों से करना पड़ा है। भारत सरकार अन्य देशों के मुकाबले कोरोना संक्रमण को रोकने में काफी हद तक कामयाब रही हैं। भारत में लॉक डाउन के चलते देशवासियों के सम्मुख कई समस्याएं उत्पन्न हो गयी है। जिसका समाधान निकलना सरकार के लिए एक चुनौती बन चुकी है। कोरोना संक्रमण काल में देश आर्थिक तंगी से जूझ रहा हैं, यह एक बेहद महत्तवपूण मुद्दा है। कोरोना वायरस के कारण बहुत से नवजवानों को अपनी नौकरी गवानी पड़ी है। 

साथ ही इस वायरस का खामियाजा विद्यार्थियों को भी भुगतना पड़ रहा है। शिक्षा प्रणाली कोरोना के चलते काफी प्रभावित हुई है। बहुत से शिक्षा संस्थान विद्यार्थियों को ऑनलाइन प्रणाली (online system ) द्वारा छात्रों को पढ़ा रहें हैं, परंतु गरीब बच्चे  लैपटॉप, मोबाइल, नेट आदि सुविधाओं के आभाव के चलते इस प्रणाली का फायदा नहीं ले पा रहे हैं। कोरोना काल में भारत को ऑनलाइन शिक्षा बड़े पैमाने में अपनाने की जरुरत है। जिसमे सरकार के सहयोग की बेहद आवश्यकता है। 

डॉ. एल.आर. यादव ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार 15 जुलाई से स्कूलों और संस्थानों को खोलने की योजना बना रही हैं। ऐसे में शिक्षा संस्थानों को बहुत सी समस्याएं आएंगी जिसमे बच्चों की फीस से लेकर उनमेसोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना काफी मुश्किल होगा। बच्चों को सिफ्ट में पढ़ाने की योजना बनाई जा रही हैं। जिससे बच्चे एक दूसरे के संपर्क में आने से बचे रहें। संस्थानों को बच्चों के परिजनों को यह विश्वास दिलाना होगा की बच्चे स्कूल में सुरक्षित रहेंगे। कोरोना वायरस के कारण देश-विदेश में पढ़ने आने-जाने वाले छात्रों की संख्या में भारी कमी देखी जा सकती है।   

लॉक डाउन के बाद बहुत से संस्थान को पैसे की समस्या का सामना करना पड़ सकता है जिसमें शिक्षकों की सैलरी से लेकर इनकम टैक्स भरने तक की कठिनाइयां शामिल है। ऐसे में सरकार को शिक्षा संस्थानों के लिए आर्थिक सहायता मुहैया कराने के साथ ही कई सहूलियत भी देना चाहिए, जिससे शिक्षा प्रणाली की नीव बरक़रार रहे। 

अंत में कार्यक्रम की समाप्ति पर उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि हमें कोरोना से मिलकर लड़ना होगा और साथ में अपने देश और राज्य को इस समस्या से बहार लाना होगा।इसके साथ ही नवभारत के साथ हुए इस चर्चा के लिए उन्होंने नवभारत परिवार को धन्यवाद दिया।