नागपुर

Published: May 15, 2021 12:47 AM IST

आदेशCSR निधि खर्च नहीं करने वाली कम्पनियों की जानकारी दें

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. कोरोना महामारी की इस विकराल स्थिति में चंद्रपुर शहर और जिला में मरीजों के उपचार को लेकर बेड्स उपलब्ध कराने तथा जीवनावश्यक दवाएं उपलब्ध कराने मांग को लेकर नरेश पुगलिया एवं अन्य की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश अविनाश घारोटे ने जिन कम्पनियों ने सीएसआर निधि खर्च नहीं की हो उनकी जानकारी अगली सुनवाई के दौरान प्रस्तुत करने के आदेश चंद्रपुर जिलाधिकारी को दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. श्रीरंग भांडारकर, केंद्र सरकार की ओर से अधि. उल्हास औरंगाबादकर, राज्य सरकार की ओर से अधि. केतकी जोशी, चंद्रपुर मनपा की ओर से अधि. महेश धात्रक ने पैरवी की.

हलफनामा में दें जानकारी

सुनवाई के दौरान उपस्थित रहे चंद्रपुर जिलाधिकारी ने कोरोना महामारी को लेकर की जा रही व्यवस्था की जानकारी अदालत के समक्ष रखी. इसके बाद अदालत ने इस तरह की पूरी जानकारी हलफनामा में देने के आदेश दिए. अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया कि कार्पोरेट जगत से कोविड के लिए कुछ सहायता प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसी के मद्देनजर एक अन्य जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कई बार इस तरह का खुलासा भी किया गया. याचिकाकर्ता का मानना था कि भले ही प्रशासन व्यवस्था करने का दावा कर रहा हो लेकिन कोविड अस्पतालों के निर्धारण, बेड की क्षमता, बेड की उपलब्धता और वर्तमान में रिक्त बेड की जानकारी प्रतिदिन उजागर की जानी चाहिए. लेकिन मनपा इस संदर्भ में पूरी तरह विफल है.

तहसील स्तर पर उपलब्ध हों ऑक्सीजनयुक्त 100 बेड

याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा कि बल्लारशाह में सैनिक स्कूल के पास बड़ा परिसर है जहां ऑक्सीजनयुक्त 300 बेड उपलब्ध कराने के आदेश प्रशासन को देने का अनुरोध किया गया. साथ ही प्रत्येक तहसील स्तर पर ऑक्सीजनयुक्त 100 बेड उपलब्ध कराने की दृष्टि से कार्य करने के आदेश भी देने की मांग की. याचिकाकर्ता का मानना था कि इस तरह से व्यवस्था करने पर जिला सामान्य अस्पताल पर पड़ने वाला बोझ कम हो सकेगा. साथ ही निकट भविष्य में उत्पन्न होने वाली तीसरी लहर से भी निपटा जा सकेगा. याचिकाकर्ता ने कहा कि जिन मरीजों को क्वारंटाइन किया जा रहा है. उनका यथावत ध्यान नहीं रखा जा रहा है. एक ही जगह पर कई लोगों को एक साथ क्वारंटाइन किया जा रहा है जहां भोजन आदि की भी व्यवस्था नहीं है.