नागपुर

Published: Dec 22, 2021 10:12 PM IST

Birdsसरकार के रवैये पर हाई कोर्ट नाराज; खतरे में सारस पक्षी की प्रजाति, अधिकारी हाजिर हो

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. सम्पूर्ण देश के साथ ही विदर्भ के पर्यावरण के मूलभूत महत्व और जंगलों पर असर को लेकर उजागर हो रही जानकारी का हवाला हाई कोर्ट ने दिया. हाई कोर्ट की नागपुर बेंच की ओर से विशेष रूप से पर्यावरणीय असंतुलन के कारण सारस पक्षियों की प्रजाति पर पड़ते असर को लेकर स्वयं संज्ञान लेकर इसे जनहित में स्वीकार किया.

याचिका पर बुधवार को सुनवाई के दौरान गोंदिया जिले की एक झील के पास सारस पक्षी को देखे जाने तथा उसकी मृत्यु होने की जानकारी उजागर होने के बाद सरकार के रवैये पर हाई कोर्ट ने काफी नाराजगी जताई. यहां तक कि न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश अनिल पानसरे ने कुछ अधिकारियों को अगली सुनवाई के दौरान अदालत में हाजिर होने के आदेश भी दिए.

आदेश में कहा कि 15 सितंबर को सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया था. किंतु अब तक हलफनामा दायर नहीं किया गया है. अदालत मित्र के रूप में अधि. राधिका बजाज और राज्य सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील ए.ए. माडीवाले ने पैरवी की. 

सरकारी वकील का ठुकराया अनुरोध

अधिकारियों को 5 जनवरी को 2.30 बजे अदालत में हाजिर होने के आदेश जारी होते ही सरकारी वकील की ओर से अगली सुनवाई के पूर्व हलफनामा दायर करने का आश्वासन दिया गया. जिस पर अदालत ने कहा कि गत समय मुख्य सरकारी वकील ने पैरवी कर समय मांगा था. साथ ही हलफनामा दायर करने का आश्वासन दिया था. अब अधि. माडीवाले पैरवी कर समय मांग रहे हैं.

यहां तक कि कौनसी तारीख तक हलफनामा पेश होगा. यह भी सटीकता से नहीं बताया जा रहा है. जिससे अधिकारियों को हाजिर रखने के आदेश दिए. अदालत का मानना था कि वन और पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में अधिकारियों की पहल आपत्तिजनक है. इतने महत्वपूर्ण मामले को भी काफी हलके में लिया जा रहा है.

दूसरे की भी हो जाती है मृत्यु

सुनवाई के दौरान गोंदिया जिले के पारसवाड़ी लेक के पास सारस पक्षियों के दिखाई देने की खबर पर अदालत का ध्यानाकर्षित किया गया. खबर के अनुसार लेक के पास घायल अवस्था में वयस्क सारस पक्षी दिखाई दिया था. यहां तक कि चित्र भी जारी किया गया. किंतु इस पक्षी की मृत्यु होने की भी खबर उजागर की गई.

अदालत ने आदेश में कहा कि सबसे गंभीर यह है कि सारस पक्षी का जोड़ा जीवन के अंतिम क्षणों तक साथ में रहते है. किसी कारणवश यदि किसी एक की मृत्यु होती है, तो दूसरे की भी मौत हो जाती है. हालांकि संबंधित सारस पक्षी के मृत्यु का कारण तो उजागर नहीं हुआ है लेकिन यह घटना सारस पक्षियों की घटती संख्या को देखते हुए दुखद है.