नागपुर

Published: Sep 12, 2020 01:29 AM IST

कोरोनाफिर सक्रिय हुए अवैध वेंडर, खतरे में रेल यात्रियों की जान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo

नागपुर. कोरोना संक्रमण के इस जानलेवा दौर के रेल यात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति सबसे अधिक गंभीरता नागपुर मंडल में दिखाई दे रही है. हालांकि अवैध वेंडर और किन्नर अब इस मेहनत पर पानी फेर रहे हैं. यात्रियों के पूरे नाम और पीएनआर की लिस्ट के साथ चेकिंग की जा रही है. लेकिन बिना किसी खौफ के चलती ट्रेन में खाद्य सामग्री बेच रहे इन अवैध वेंडरों का नाम लिस्ट में नहीं होता है. अवैध वेंडरों की धमाचौकड़ी के देखकर भला किन्नर यात्रियों से लूट का कैसे मौका गंवा सकते हैं. ताजा घटना ट्रेन 02791 सिकंदराबाद-पटना स्पेशल ट्रेन का है. कोरोना संक्रमण को धता बताते हुए दोनों ही यात्रियों की जान दांव पर लगाने से नहीं चूक रहे.

किसी की जान की चिंता नहीं
कोरोना संक्रमण अपने चरम की ओर बढ़ चुका है. हर दिन 1500 से अधिक संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. वहीं, प्रतिदिन 50 से अधिक लोग जान गंवा रहे हैं. बावजूद इसके अवैध वेंडरों और किन्नरों को ना तो अपनी जान की चिंता है और ना ही यात्रियों की. भले ही यात्री स्टेशन में प्रवेश से पहले कई प्रकार की जांच से गुजर गये हो लेकिन अवैध वेंडरों और किन्नरों के लिए इन सबका कोई महत्व नहीं. वे अपनी कमाई और वसूली से वास्ता रखते हैं. उन्हें इस बात की भी चिंता नहीं कि ट्रेन में महिलाओं के साथ छोटे बच्चे भी सफर कर रहें और उनकी की वजह से बच्चें भी कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी का शिकार हो सकते हैं.

चूक रही RPF की नजर
सरकारी संस्थायें चाहे जितने दावें करें लेकिन हर व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो चुकी है. एक ओर रेलवे बोर्ड आगामी दिनों में यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ाने जा रही जबकि दूसरी तरफ रेलवे सुरक्षा बल के जवान लगातार कोरोना पाजिटिव हो रहे हैं. ऐसे में आरपीएफ के सामने यात्रियों के साथ अपने सुरक्षाकर्मियों की जान की चिंता भी बड़ा सबब बनकर खड़ी है. यही वजह है कि यात्रियों को केवल प्रवेश द्वार पर जांचा जा रहा है. ट्रेनों की एस्कार्ट टीमों को भी केवल पहली और आखरी बोगी में रहने के निर्देश है. इसी बात का फायदा अवैध वेंडर और किन्नरों ने उठाना शुरू कर दिया है. हालांकि अवैध वेंडर और किन्नर आउटर से ही ट्रेनों में चढ़ रहे हैं. ऐसे में आरपीएफ को एक बार फिर पूरे जोश के साथ अपने काम में जुटना होगा और गश्त बढ़ानी होगी.