नागपुर

Published: Oct 30, 2021 02:54 AM IST

MATकर्मचारियों की कमी से जूझ रहा मैट, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. महाराष्ट्र प्रशासकीय प्राधिकरण में कर्मचारियों की कमी के चलते न्यायदान में हो रही देरी को लेकर अधि. राहुल शिरलकर की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश अनिल पानसरे ने राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब दायर करने के आदेश दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. शिलकर तथा राज्य सरकार की ओर से मुख्य सरकारी वकील केतकी जोशी ने पैरवी की. याचिकाकर्ता ने याचिका में बताया कि महाराष्ट्र एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रीबूनल में कई मामला लंबित है. वर्षों से मामले लंबित होने के कारण लोगों को राहत नहीं मिल रही है.

न्यायिक सदस्यों की नियुक्तियां भी नहीं

याचिकाकर्ता का मानना था कि गत 2 वर्षों से मैट में न्यायिक सदस्यों के दोनों पद रिक्त है. इस तरह की त्रासदी की भलीभांति जानकारी होने के बावजूद इन पदों को भरने के लिए कोई पहल नहीं हो रही है. इसके अलावा स्टाफ में भी कई पद रिक्त है. कई तरह की परेशानियां उजागर करते हुए बताया कि वीडियो कान्फ्रेन्सिंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुविधाएं भी पर्याप्त नहीं है. तमाम खामियों को विस्तार से रखते हुए बताया कि मैट में 3 न्यायिक सदस्यों के पद है जबकि केवल एक स्टेनों उपलब्ध कराया गया है. 

39 मंजूर पद, 15 है रिक्त

याचिकाकर्ता ने बताया कि मैट में न्यायिक सदस्य और प्रशासकीय स्टाफ को मिलाकर कुल 39 मंजूर पद है. जबकि वर्तमान में 15 पद रिक्त चल रहे है. याचिकाकर्ता ने इन रिक्त पदों को तुरंत भरकर न्याय के इंतजार में खड़े लोगों को राहत देने की मांग की. सुनवाई के बाद अदालत ने न केवल राज्य सरकार को नोटिस जारी किया, बल्कि सरकारी वकील को स्वयं सरकार के समक्ष मसला रखकर अदालत को इसकी जानकारी देने के आदेश दिए. अदालत ने केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए.