नागपुर

Published: May 08, 2021 01:40 AM IST

मेलघाट प्रकरणरेड्डी को राहत नहीं, हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प की आरएफओ दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले में गिरफ्तारी के बाद अब प्रकल्प के निलंबित अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एम. श्रीनिवास रेड्डी ने एफआईआर ही रद्द करने की मांग करते हुए हाई कोर्ट की शरण ली. जिस पर शुक्रवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश अतुल चांदुरकर और न्यायाधीश पुष्पा गनेडीवाला ने फिलहाल किसी तरह की राहत तो प्रदान नहीं की. किंतु मामले में राज्य सरकार को अपना जवाब दायर करने के आदेश देते हुए नोटिस जारी कर दिया.

याचिकाकर्ता की ओर से अधि. अक्षय नाईक और सरकार की ओर से अति. सरकारी वकील दीपक ठाकरे ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि दीपाली चव्हाण मेलघाट अंतर्गत हरिसाल वन क्षेत्र की वन परिक्षेत्र अधिकारी थी. दीपाली ने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरंतर मानसिक प्रताडित किए जाने का कारण देते हुए त्रस्त होकर आत्महत्या की थी. यहां तक कि इस संदर्भ में सुसाइड नोट भी लिखकर रखा था.

सुसाइड नोट से हुआ था खुलासा

दीपाली ने सुसाइड नोट लिखकर वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे. मामले में अमरावती जिले के धारणी पुलिस ने उप वनसंरक्षाक शिवकुमार और एपीसीसीएफ सहित अन्य के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज किया था. जिसके बाद रेड्डी को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया. हालांकि जमानत के लिए रेड्डी ने इसके पूर्व सत्र न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था. किंतु सत्र न्यायालय से किसी तरह की राहत नहीं मिली. अब हाई कोर्ट में एफआईआर ही रद्द करने की मांग कर याचिका दायर की है.

हो सकती है सुनवाई

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से रखी गई दलीलों के बाद अदालत ने कहा कि पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर और पीड़िता दीपाली द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट को देखते हुए प्राथमिक स्तर पर कोर्ट द्वारा इसकी सुनवाई की जा सकती है. सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि अभी भी मामले की जांच पड़ताल जारी है. जबकि चार्जशीट दायर नहीं की गई है. जिसके बाद अदालत ने कहा कि पुलिस निश्चित ही इसकी जांच जारी रख सकता है, किंतु अदालत की पूर्व अनुमति के बिना चार्जशीट दायर नहीं करने के आदेश भी दिए.