नागपुर

Published: Apr 17, 2022 01:39 AM IST

Nagpur Central Jailसेंट्रल जेल में अपराधी शेखू के पास मिला मोबाइल, अति सुरक्षा विभाग में कैसे पहुंचा फोन?

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. सेंट्रल जेल परिसर में उस समय हड़कंप मच गया, जब अचानक अधिकारियों की टीम अंडा सेल की तलाशी लेने के लिए पहुंची. जांच के दौरान मोका के मामले में सेंट्रल जेल में बंद अपराधी शेखू उर्फ गुलनवाज खान एजाज खान (32) के पास मोबाइल फोन मिलने से जेल प्रशासन भी सकते में आ गया. अंडा सेल अति सुरक्षा विभाग की श्रेणी में आती है. बड़े और गंभीर मामले वाले अपराधियों को इस सेल में रखा जाता है. यहां सुरक्षा भी बहुत कड़क होती है. ऐसे में शेखू के पास मोबाइल फोन मिलना गंभीर बात है. इसकी शिकायत धंतोली पुलिस से की गई और शेखू से पूछताछ जारी है.

शेखू के खिलाफ कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है. नवंबर 2019 में पुलिस ने शेखू को शराब व्यवसायी मनीषनगर निवासी प्रशांत उर्फ बंडू बजरंग आंबटकर (36) का अपहरण कर 10 लाख रुपये की फिरौती वसूलने  के मामले में गिरफ्तार किया था. शेखू सहित उसकी  गैंग  के सदस्य बालाजीनगर निवासी सूरज सरोज चौधरी (25), हिंदुस्तान कॉलोनी निवासी अथर्वप्रसाद खड़ाखड़ी (23), राजीवनगर खदान निवासी  परवेश गौरीशंकर गुप्ता (26), संजयनगर निवासी अजय उर्फ चिडी भाऊराव मेश्राम (28), घटंजी, यवतमाल निवासी आकाश उत्तम चव्हाण (24) और हिंदुस्तान कॉलोनी, अमरावती रोड निवासी अथर्व प्रमोद खड़ाखड़ी (23) सहित 7 आरोपियों के खिलाफ मोका लगाया गया था.

मामले में  शेखू  की प्रेमिका स्नेहल पीटर और सबसे खास शिवप्रसाद उर्फ शिवा बेजंकीवार (23) भी आरोपी है. 13 अप्रैल की दोपहर 3 बजे के दौरान जेल के आला अधिकारी अति सुरक्षा विभाग की अंडा सेल में पहुंचे. वहां तलाशी के दौरान शेखू के पास एक मोबाइल फोन बरामद हुआ. उसमें सिम कार्ड नहीं था. जेल प्रशासन को संदेह है कि भीतर ही शेखू ने सिम कार्ड भी छिपाकर रखा है. उसकी शिकायत धंतोली पुलिस से की गई.

इसी दौरान अफसर अंडा नामक ड्रग्स तस्कर के पास मोबाइल मिलने की खबर फैल गई लेकिन जेल प्रशासन ने इससे इनकार किया. जेल के भीतर अपराधी के पास मोबाइल होना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल पैदा करता है. कोई भी बाहरी व्यक्ति जेल में मोबाइल नहीं ले जा सकता. अब इस प्रकरण में जेल के कर्मचारियों की भूमिका भी संदेहास्पद दिखाई दे रही है.