नागपुर

Published: Mar 21, 2023 01:18 PM IST

Nagpur Newsनागपुर: फॉरेस्ट मैन जादव पायेंग ने कहा- स्कूलों में पढ़ाएं वृक्षारोपण का पाठ

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर: ‘फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से मशहूर पर्यावरण कार्यकर्ता जादव पायेंग का कहना है कि दुनिया भर के बच्चों को स्कूलों में पेड़ लगाना और धरती मां से प्यार करना सिखाया जाना चाहिए। असम से ताल्लुक रखने वाले, पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित पायेंग ने अफसोस जताया कि स्कूलों में बच्चों को प्रकृति से प्यार और उसका सम्मान करना नहीं सिखाया जाता है। उन्होंने नागपुर में सी-20 बैठक से इतर पीटीआई-भाषा से कहा, “दुनिया भर के स्कूली पाठ्यक्रम में बच्चों को वृक्षारोपण के बारे में सीख देना शामिल किया जाना चाहिए।

बच्चों को वृक्षारोपण का व्यावहारिक ज्ञान देना चाहिए क्योंकि यह पृथ्वी को हरा-भरा बनाने में मददगार साबित होगा। भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इस पहलू को शामिल किया गया है, हालांकि इसको अभ्यास में लाने में कुछ समय लगेगा।” उन्होंने कहा कि 50 लोगों की एक टीम के साथ वह असम के माजुली द्वीप में 2,000 हेक्टेयर क्षेत्र में पेड़ लगाने की परियोजना पर काम कर रहे हैं।

इससे वहां के जंगल में हाथियों, गैंडों और हिरणों को खाद्य सामग्री मिल सकेगी। माजुली, असम में ब्रह्मपुत्र नदी में स्थित एक नदी द्वीप है। पायेंग ने लंबे समय तक असम में ब्रह्मपुत्र नदी के तटीय भाग में बालू पर पौधे लगाए और उनकी देखभाल की। उनकी मेहनत रंग लाई और यह हिस्सा वन अभ्यारण्य में बदल गया। असम में जोरहाट के कोकिलामुख के पास स्थित इस जंगल का नाम उनके नाम पर ‘‘मोलाई वन” रखा गया है। (एजेंसी)