नागपुर

Published: Mar 14, 2024 03:29 PM IST

Nagpur Education Hubनागपुर में KG से PG तक के लिए NMC का एजुकेशन हब

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
नागपुर महानगर पालिका

नागपुर: महानगरपालिका के स्कूलों में भले ही बदहाली हो लेकिन अब केजी से पीजी तक के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की यूनिवर्सिटी बनाने की योजना तैयार की गई है। 425 करोड़ रुपए की संभावित लागत के इस प्रकल्प को पीपीपी के आधार पर कार्यान्वित किया जाएगा जिसके लिए महानगरपालिका द्वारा राज्य सरकार से मंजूरी मांगी गई है।  राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान एवं विश्वविद्यालय निर्माण के लिए मनपा ने वाठोडा स्थित 18। 35 हेक्टेयर भूमि निर्धारित की है।   जानकारी के अनुसार मनपा की ओर से मंगाए गए आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रप्रोजल) पर मंथन किया जा रहा है जिससे अब जल्द ही इंटरनेशनल एजुकेशन का ब्ल्यू प्रिंट तैयार होने की आशा सूत्रों ने जताई।  

सिटी के लिए आरक्षित रहेंगी 25 प्रतिशत सीटें

उल्लेखनीय है कि मनपा ने इच्छुक कंपनी से इच्छापत्र मंगाया था।  आरएफपी दस्तावेजों के लिए रखी गईं शर्तों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय मानक के शैक्षणिक संस्थान में शहरवासियों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी।  इसी तरह से शैक्षणिक शुल्क में 20 प्रतिशत की छूट देने का प्रावधान रखा गया है।  जानकारी के अनुसार यह प्रोजेक्ट पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (पीपीपी) की तर्ज पर सार्वजनिक निजी भागीदारी तत्व पर कार्यान्वित किया जाएगा। 

सरकार के शहर विकास विभाग की अधिसूचना के अनुसार वाठोडा में 18। 35 हेक्टेयर भूमि सार्वजनिक निकाय के उपयोग के लिए आरक्षित रखी गई थी जहां पूर्व प्राथमिक शिक्षा नर्सरी से लेकर उच्च शिक्षा कार्यक्रमों तक शिक्षा प्रदान की जाएगी।  बताया जाता है कि प्रकल्प को साकार करने के उद्देश्य से पहले ही एक्सीनों कैपिटल सर्विसेज संस्था को पीएमसी (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सलाहकार) के रूप में नियुक्त किया जा चुका है।  

इस तरह है खाता

कई नये पाठ्यक्रमों की होगी शुरुआत

बताया जाता है कि टेंडर में पहले 30 वर्ष की अवधि समाप्त होने के बाद चयनित संस्था को अगले 30-30 वर्ष की अवधि बढ़ाकर देने का प्रावधान रखा गया है।  परियोजना में 2 हेक्टेयर क्षेत्र में विद्यालय, 16 हेक्टेयर में उच्च शिक्षा यूनिवर्सिटी या यूनिवर्सिटी का एक ऑफ कैम्पस केंद्र स्थापित किया जाएगा।  इसमें कुल प्रस्तावित क्षमता 4040 छात्रों की होगी।  50 प्रतिशत वर्तमान व्यावसायिक पाठ्यक्रम तथा 50 प्रतिशत नये पाठ्यक्रम शुरू होंगे।