नागपुर

Published: Aug 02, 2022 07:30 AM IST

NMC Electionsमनपा चुनाव: घर बैठेंगे कई पूर्व पार्षद, चुनाव की घोषणा पर लगी हैं नजरें

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. मनपा के आम चुनावों को लेकर ओबीसी आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद से ही अब सभी की नजरें चुनाव की घोषणा पर लग गई है. प्रभागों में आरक्षण के बाद स्पष्ट हो चुकी स्थिति के अनुसार अब कुछ प्रभागों में तो पुराने पार्षदों के लिए सकारात्मक स्थितियां बनी हुई है लेकिन भाजपा की ओर से पहले ही कई पार्षदों के टिकट काटने के संकेत दिए जाने से ऐसे पार्षदों के घर बैठने की संभावनाएं जताई जा रही है.

जानकारों के अनुसार इनमें से कई पार्षदों को पहले ही पार्टी की ओर से संकेत दिए जा चुके हैं. जबकि कुछ पार्षदों को पार्टी के कामों में जुटने को कहा गया है. मनपा में 15 वर्षों तक लगातार सत्ता में रहने के कारण भाजपा को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि गडकरी और फडणवीस के नाम से कुछ हिस्सों में तो स्थिति मजबूत माना जा सकती है लेकिन वर्तमान राजनीतिक परिेवेश को देखते हुए कुछ भी कहना आसान नहीं है. यहीं कारण है कि इन दोनों नेताओं की ओर से भी अलग से सर्वे होने की जानकारी उजागर हो रही है.

घातक साबित होंगे कार्यकर्ता

जानकारों के अनुसार 15 वर्षों के कार्यकाल में भाजपा की ओर से कई पार्षदों को बार-बार चुनकर मनपा में भेजा गया है. जिससे ऐसे प्रभागों के कार्यकर्ताओं ने पहले ही खुलकर अपनी नाराजगी जताई हुई है. हालांकि पार्टी अनुशासन के नाम पर यदि इस बार भी प्रत्याशी दोहराया गया तो पार्टी के लिए इन प्रभागों के कार्यकर्ता घातक साबित हो सकते हैं. बताया जाता है कि इस तरह के प्रभागों में मंडलों के पदाधिकारी और सदस्यों ने नेताओं से मिलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर ली है. कार्यकर्ताओं के मूड को भांपकर ही पार्टी ने बार-बार सर्वे का हवाला देकर पुराने पार्षदों को खतरे की घंटी का संकेत भी दे दिया है. इसके बावजूद लंबी पारी खेल चुके पार्षदों की ओर से फिर एक बार मैदान में उतरने तैयारी की जा रही है. चुनाव के निकट आते-आते मतभेद खुलकर उजागर होने की जानकारी भी सूत्रों ने दी. 

प्रभाग सेफ, टिकट अनसेफ

-जानकारों के अनुसार दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम और पूर्व के कई प्रभाग आरक्षण निर्धारित होने के बाद कई पूर्व पार्षदों के लिए तो सेफ दिखाई दे रहे है लेकिन इन्हीं पार्षदों के टिकट अनसेफ होने की चर्चा कार्यकर्ताओं के बीच है. 

-पूर्व महापौर संदीप जोशी ने मनपा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी. किंतु अब उनके लड़ने की संभावनाएं जताई जा रही है. टिकट की इच्छुक पूर्व महापौर नंदा जिचकार का टिकट कटने की संभावना जताई जा रही है. इसी तरह से यदि जोशी चुनाव लडते हैं तो उन्हें अपना प्रभाग छोड़ना पड़ सकता है. 

-ओबीसी आरक्षण के साथ ही सर्वसाधारण महिला वर्ग का आरक्षण भी होने के कारण कई प्रभागों की स्थिति बदली है. पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी के प्रभाग में आनेवाले अधि. संजय बालपांडे पर सीट छोड़ने की नौबत आ गई थी. किंतु नए समीकरणों से अब उनका स्थान सुरक्षित माना जा रहा है. 

-इसी तरह से पूर्व नागपुर में पूर्व स्थायी समिति सभापति बाल्या बोरकर और प्रदीप पोहाने के लिए प्रभाग तो सुरक्षित है लेकिन मनपा में उनकी लंबी पारी हो चुकी है. जिससे इन प्रभागों में नया चेहरा देने की मांग उठाई जा रही है. 

आप, वंचित, बसपा और रिपाई की जोर आजमाइश

सूत्रों के अनुसार वर्तमान में बहुजन समाज पार्टी के 10 सदस्य हैं. जिनकी अधिकांश ताकत उत्तर नागपुर जैसे क्षेत्र में है, किंतु हाल ही में हुए विधान परिषद के चुनावों के बाद पार्टी में फूट पड़ गई. इसके अलावा कई वरिष्ठ कार्यकर्ता बसपा छोड़ वंचित में शामिल हो गए. जिससे एक विशेष वर्ग का वोट बैंक इन दोनों दलों में बंट गया है. इसी तरह से दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनाने के बाद से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरा हुआ है लेकिन 3 सदस्यीय प्रभागों में जीत के लिए ताकत जुटाना आसान नहीं है. रिपाई की राजनीतिक ताकत फिलहाल खत्म होने की चर्चा राजनीतिक गलियारों में है.