नागपुर

Published: Mar 25, 2022 12:13 AM IST

NMC Electionsमनपा चुनाव: वार्ड या 2 सदस्यीय हो प्रभाग, मुख्यमंत्री के नाम मनपा आयुक्त को राकां ने सौंपा ज्ञापन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. महानगरपालिकाओं में आम चुनावों को लेकर जारी 3 सदस्यीय प्रभाग रचना राज्य सरकार ने रद्द कर दी है. अब निकट भविष्य में नई प्रभाग रचना को लेकर राज्य सरकार घोषणा करेगी. अत: मनपा के चुनाव वार्ड पद्धति या फिर 2 सदस्यीय प्रभाग पद्धति से कराने की मांग राष्ट्रवादी कांग्रेस ने की है. इस संदर्भ में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और मंत्री छगन भुजबल के नाम मनपा आयुक्त को ज्ञापन सौंपा गया. शिष्टमंडल में ओबीसी विभाग के प्रदेश अध्यक्ष ईश्वर बालबुधे, सुहास उभे, शहर अध्यक्ष दुनेश्वर पेठे, श्रीकांत शिवणकर, अशोक काटले, विशाल खांडेकर, महेन्द्र भांगे, नितिन देशमुख, अनिल ठाकरे, बापू चरडे, प्रशांत बनकर, विजय गजभिए आदि पदाधिकारी शामिल थे. 

बड़े प्रभागों में नहीं लड़ सकते आर्थिक कमजोर

पदाधिकारियों का मानना था कि भारतीय संविधान के अनुसार सामान्य महिला और पुरुषों को स्थानीय चुनाव लड़ने का अधिकार प्राप्त है. किंतु बड़े प्रभागों की रचना होने के बाद बड़े प्रभागों में चुनाव लड़ पाना आर्थिक कमजोर लोगों के लिए असंभव रहता है. बहुसदस्यीय प्रभाग रचना होने से सामान्य व्यक्ति के अधिकारों का एक तरह से हनन होता है. आर्थिक दुर्बल वर्ग के साथ होने वाले इस अन्याय का विकल्प एक सदस्यीय वार्ड पद्धति या फिर 2 सदस्यीय प्रभाग पद्धति हो सकती है. पदाधिकारियों का मानना है कि मनपा चुनाव में 50 प्रतिशत महिलाओं का आरक्षण है. 3 सदस्यीय प्रभाग में पिछड़ा वर्ग की 2 महिलाओं को चुनाव लड़ना हो तो उन्हें प्रभाग के तीसरे सदस्य पुरुष प्रत्याशी की रणनीति पर निर्भर रहना पड़ता है. कई बार महिला और पुरुष प्रत्याशियों के बीच समीकरण और समन्वय नहीं हो पाता है. 

वार्ड पद्धति से सभी विकल्प खुले

पदाधिकारियों का मानना है कि 3 सदस्यीय प्रभाग कम से कम 3-4 वर्ग किलोमीटर तक लंबा होता है. एक कोने से दूसरे कोने तक प्रत्येक प्रत्याशी को मतदाताओं से सम्पर्क करना आसान नहीं होता है. इसका असर प्रभाग के विकास पर भी पड़ता है. कई पार्षद प्रभाग के दूसरे हिस्से को जानबूझकर टाल देते हैं. इस तरह की अनेक समस्याओं से जनता को जूझना पड़ता है. वार्ड पद्धति से तमाम विकल्प खुले हो जाते हैं. मनपा चुनाव केवल धन-सम्पन्न प्रत्याशियों तक सीमित नहीं रहना चाहिए. यदि सामान्य वर्ग, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रत्येक वर्ग को राजनीति में अवसर देना है तो वार्ड पद्धति या 2 सदस्यीय प्रभाग पद्धति से चुनाव कराए जाने चाहिए.