नागपुर

Published: Mar 12, 2021 02:37 AM IST

आरोपलॉकडाउन रास्ता नहीं, सख्ती जरूरी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. भाजपा विधायक कृष्णा खोपड़े ने सिटी में दोबारा लॉकडाउन के पालक मंत्री राऊत के फैसले को अनपेक्षित बताते हुए कहा है कि पहले ही लॉकडाउन ने मजदूरों, चाय-पान-नाश्ता की टपरी चलाने वालों के साथ ही निजी क्षेत्रों में नौकरी करने वालों की कमर तोड़कर रख दी है. जैसे-तैसे वे अब दोबारा संभल रहे थे कि उन पर फिर लॉकडाउन के हथियार से वार किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की बजाय सख्ती से नियमों का पालन कराने का प्रयास जरूरी है. इसमें प्रशासन बुरी तरह असफल रहा है. आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया, रात 9 तक दूकानें बंद करने का निर्णय लिया गया. कई प्रतिबंध लगाए लेकिन अधिकारी एसी में बैठे रहे और खुद पालक मंत्री कभी रास्ते पर नहीं उतरे. इसी के चलते कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने में प्रशासन असफल रहा.

अमरावती में फेल हुआ फार्मूला

खोपड़े ने कहा कि कुछ दिन पूर्व अमरावती में लॉकडाउन किया गया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. नागरिकों की स्थिति दयनीय हो गई. इसकी समीक्षा करना जरूरी है उसके बाद ही लॉकडाउन जैसा निर्णय लिया जाना था. लॉकडाउन का सबसे बड़ा फटका चाय टपरी, पानठेला, छोटे दूकानदारों को लगता है. पहले ही बिजली बिल का फटका, बिल नहीं भरा तो कनेक्शन कटने का संकट और अब लॉकडाउन का संकट लादा जा रहा है.

पालक मंत्री बड़े उद्योग नहीं, बल्कि छोटे-छोटे दूकानदारों का विचार करें. पहले उन्हें सहूलियत दें, विकल्प उपलब्ध कराएं, सरकार से पैकेज दिलवाएं और बाद में लॉकडाउन जैसा निर्णय लें. मार्च इंडिंग ईयर में लॉकडाउन के निर्णय से व्यापारी वर्ग में रोष है. पालक मंत्री को यह निर्णय वापस लेकर नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए प्रशासन को निर्देश देना चाहिए.