नागपुर

Published: Dec 04, 2021 02:59 AM IST

Financial Crisis71,578 करोड़ रुपयों का बकाया बिल, आर्थिक संकट में महावितरण

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. ग्राहकों द्वारा बिजली बिल नहीं चुकाने के चलते महावितरण की आर्थिक हालत दिनोंदिन और खस्ता होती जा रही है. कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार राज्यभर में 71,578 करोड़ रुपये बिजली बिल के ग्राहकों पर बकाया हैं. कंपनी की ओर से अपील की गई है कि नियमित रूप से ग्राहक बिलों का भुगतान करें क्योंकि यह उनका कर्तव्य भी है. जितनी बिजली का वे उपयोग करते हैं उन्हें नियमित चुकाना चाहिए.

कंपनी पर बिजली खरीदने, पारेषण खर्च और विविध कर्ज की किस्त चुकाने का करोड़ों का दायित्व है और अगर ग्राहकों ने ईमानदारी से बिलों का भुगतान नहीं किया तो महावितरण का अस्तित्व ही संकट में आ जाएगा. महावितरण द्वारा मर्क द्वारा निर्धारित दर से ही बिजली बिल की वसूली की जाती है. नागरिकों का कार्य भी बिजली के बिना संभव नहीं है और वे इसका उपयोग करते हैं तो उसका भुगतान करना उनका भी कर्तव्य है. 

कृषि पंपों पर 66% की छूट

ऊर्जा मंत्री के मार्गदर्शन में किसानों को कृषि पंप के बिजली बिल में संपूर्ण बकाया से मुक्त होने के लिए मूल बकाया रकम पर 66 प्रतिशत तक छूट देने की ऐतिहासिक योजना भी लाई गई है. किसानों से योजना का लाभ उठाने की अपील कंपनी ने की है. बिजली बिल वसूली की रकम में से लगभग 80-85 प्रतिशत रकम बिजली की खरीदी, पारेषण खर्च पर जाता है. उसके बाद वेतन, कार्यालयीन खर्च व अन्य खर्च होते हैं. वसूली नहीं होने के चलते कंपनी के कर्ज लेकर वेतन आदि खर्च करना होता है. यह बोझ बढ़ता जा रहा है. बावजूद इसके महावितरण द्वारा बिजली की कोई कटौती नहीं की जा रही है. कंपनी प्रबंधन की ओर से नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपना बिल नियमित जमा कर कंपनी को आर्थिक संकट से बाहर निकलने में मदद करें.