नागपुर

Published: Aug 17, 2022 02:50 AM IST

NITन्यू नागपुर का नियोजनबद्ध विकास, विकास के लिए गुंठेवारी योजना पर अमल : फडणवीस

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. नये नागपुर के सुनियोजित विकास के लिए नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण ने नियोजनबद्ध प्रस्ताव तैयार करना चाहिए. राज्य सरकार की ओर से विकास के लिए हर संभव सहयोग किया जाएगा. गुंठेवारी योजना पर अमल कर शहर के विकास को प्राथमिकता देने का आश्वासन उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिया. नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण और नागपुर सुधार प्रन्यास की ओर से स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव अवसर पर स्वतंत्रता की लड़ाई के 75 वीरों के सचित्र वर्णन की पुस्तिका का लोकार्पण किया गया. प्रन्यास सभापति मनोजकुमार सूर्यवंशी, संदीप इटकेलवार आदि उपस्थित थे. वीरों की संघर्ष गाथा नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए अमृतकाल संकल्पना को बढ़ाने की सूचनाएं देते हुए फडणवीस ने कहा कि सिटी के विभिन्न खेल मैदानों पर स्वतंत्रता के लिए बलिदान देनेवाले वीरों की गाथा का फलक लगाया जाना चाहिए.

जनता तक पहुंचे प्रशासन

फडणवीस ने कहा कि सिटी के चारों ओर लगातार आवासों का दायरा बढ़ रहा है. इस अविकसित हिस्सों में नियोजनबद्ध तरीके से विकास जरूरी है. विकास करते समय जनता पर जिम्मेदारी थोपने के बदले प्रशासन ने जनता के पास जाकर विकास की संकल्पना देनी चाहिए. गुंठेवारी योजना पर अमल कर पूरे परिसर का सुनियोजित विकास कैसे होगा. इस दिशा में पहल होनी चाहिए. सभी के लिए घर तथा प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत लोगों को सस्ती दरों में आवास उपलब्ध कराने के लिए प्लान तैयार किया जाना चाहिए. न केवल प्लान तैयार हो, बल्कि उसपर अमल भी करने की सूचनाएं फडणवीस ने दीं.

5 इंटरनेशनल स्तर के खेल मैदान

उन्होंने कहा कि देश में पहली बार तृतीयपंथियों के लिए घरकुल का अभिनव प्रयोग किया जा रहा है. इन्हें उनके हक का आवास उपलब्ध करानेवाला पहला शहर होने की पहचान बनेगी. तीर्थ स्थल विकास के साथ ही फुटाला में विश्व स्तर का पर्यटन स्थल और म्यूजिकल फाउंटेन, अंबाझरी में स्वामी विवेकानंद के जीवन पर लाइट एंड साउंड शो तथा खेलो इंडिया अंतर्गत 5 इंटरनेशनल स्तर के खेल मैदानों का विकास करने की जानकारी भी उन्होंने दी. प्रास्ताविक सभापति सूर्यवंशी और आभार प्रदर्शन नगर रचना उप संचालक राजेन्द्र लांडे ने किया. प्रशांत भांडारकर, राजेश मेघराजाने, संजय पोहेकर, अनिल पातोड़े, पंकज आंभोरकर, ललित राऊत, कल्पना लिखार, वैशाली गोड़बोले आदि उपस्थित थे.