नागपुर

Published: Jun 02, 2021 11:44 PM IST

Protestपुलिस प्रशासन को छूटा पसीना, थाना के सामने जमकर धरना प्रदर्शन, कार्यप्रणाली पर भड़के जोशी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. क्रिस्टल केयर अस्पताल की लापरवाही और अमानवीय बर्ताव के चलते कोरोना के उपचार के दौरान दिलीप कडेकर की मृत्यु हो गई. परिजनों को न्याय दिलाने और पूरे मामले की सघन जांच कर दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग को लेकर लगातार शिकायत करने के बाद भी पुलिस प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी.

बुधवार को उस समय पुलिस प्रशासन को पसीना छूट गया जब पूर्व महापौर संदीप जोशी ने पांचपावली पुलिस थाने के सामने जमकर प्रदर्शन किया. उनके भड़कने के बाद ही पुलिस हरकत में आई. धरना प्रदर्शन के दौरान ही पुलिस ने मेडिकल और मनपा प्रशासन को उनकी राय के लिए पत्र दिए जाने की जानकारी दी. साथ ही मामले की जांच चलने का आश्वासन दिया. इसके बाद मामला शांत हो सका. 

20 दिन तक सोया रहा महकमा

संदीप जोशी ने कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए लगातार पुलिस आयुक्त से लेकर तमाम वरिष्ठ अधिकारी और संबंधित पांचपावली थाने के निरीक्षक से पत्राचार किया लेकिन हर समय केवल जांच चलने का दिखावा किया गया. जबकि अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई. यहां तक कि इस मामले को लेकर धरना प्रदर्शन करने के संकेत देने के बाद पुलिस निरीक्षक ने कार्रवाई करने की चेतावनी दी.

एक ओर न्याय नहीं देना तो दूसरी ओर इस तरह की चेतावनी देने के कारण ही मजबूरन धरना करने का निर्णय लिया. अब धरना करते समय मेडिकल और मनपा प्रशासन को पत्र दिए जाने की जानकारी दी जा रही है, जबकि 20 दिनों से पुलिस महकमा सोया हुआ था. उन्होंने कहा कि 12 मई को रानी दुर्गावतीनगर स्थित क्रिस्टल नर्सिंग होम के खिलाफ प्रणीत कडेकर ने शिकायत की थी. इसमें अस्पताल द्वारा लगातार पैसों की मांग किए जाने तथा पैसे नहीं देने पर दवा बंद करने की धमकी मिलने की जानकारी उजागर की गई थी.

शिकायत करते ही निकाल दिया वेंटिलेटर

जोशी ने कहा कि जिस दिन पीड़ित के परिजनों ने शिकायत की उसी दिन 8 दिन से वेंटिलेटर पर चल रहे दिलीप कडेकर का वेंटिलेटर निकाल दिया गया. इसके बाद उसी रात दिलीप की मौत हो गई. इस मृत्यु के लिए अस्पताल पर सदोष हत्या का मामला दर्ज करने के लिए प्रणित कडेकर ने परिवार के साथ पांचपावली पुलिस का दरवाजा खटखटाया. शिकायत देने पर पुलिस ने जांच का आश्वासन दिया.

साथ ही नियमों के अनुसार तकनीकी जानकारी नहीं होने के कारण सरकारी मेडिकल बोर्ड के न्यायिक मंडल तथा मनपा की ओर से कुछ जानकारी की आवश्यकता होने का हवाला दिया गया लेकिन अब तक कुछ भी नहीं किया गया. धरना शुरू करने के 21 मिनटों बाद ही पुलिस ने भीतर बुलाया. इसके बाद अब 3 सप्ताह लगने की जानकारी दी गई है.

आश्चर्य यह है कि 31 मई को पुलिस को पत्र देने के बाद उन्होंने 1 जून को मेडिकल और मनपा को पत्र भेजकर अभिप्राय मंगाया है जिससे दाल में कुछ काला होने की प्रबल संभावना है. यदि जल्द ही हत्या का मामला दर्ज नहीं किया गया तो तीव्र आंदोलन करने तथा इसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होने की चेतावनी भी जोशी ने दी.