नागपुर

Published: Mar 29, 2021 02:08 AM IST

Pollutionशहर में खतरे के स्तर पर प्रदूषण

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नागपुर. शहर में प्रदूषण का स्तर खतरे पर पहुंचने का हवाला देते हुए संदेश सिंगलकर की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश अविनाश घारोटे ने याचिकाकर्ता को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका तो प्रदान किया, किंतु प्रदूषण साबित करने के लिए ठोस सबूत नहीं होने के कारण नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया. साथ ही अदालत ने 2 सप्ताह तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी.

याचिकाकर्ता की ओर से अधि. असिम सरोदे, अधि. एन.एल. हेमने और सरकार की ओर से अधि. एन.आर. पाटिल ने पैरवी की. याचिकाकर्ता ने याचिका में बताया कि प्रदूषण का आलम यह है कि इसका असर न केवल पर्यावरण पर पड़ता जा रहा है बल्कि भूगर्भ के जल पर भी इसका विपरीत असर पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है.

नीरी की रिपोर्ट में खुलासा

अदालत का मानना था कि प्रतिवादी पक्ष नीरी की रिपोर्ट के आधार पर याचिकाकर्ता ने अपनी दलीलों को रखा है. किंतु वर्तमान में नीरी द्वारा जारी की गई रिपोर्ट याचिकाकर्ता के पास उपलब्ध नहीं है. यहां तक कि याचिकाकर्ता ने सूचना के अधिकार के तहत भी नीरी से रिपोर्ट प्राप्त करने के किसी तरह के प्रयास नहीं किए हैं. निश्चित ही याचिकाकर्ता द्वारा इसे किया जाना चाहिए. यदि सूचना के अधिकार के तहत रिपोर्ट मांगी जाती है और याचिकाकर्ता को इसमें असफलता मिलती है, तो इसे अदालत के समक्ष रखा जा सकता है. अदालत का मानना था कि याचिका में जो मुद्दा उठाया जा रहा है, वह निश्चित ही गंभीर है. किंतु अदालत को इस संदर्भ में याचिकाकर्ता की ओर से सहयोग करना होगा.