नागपुर

Published: Oct 01, 2021 04:10 AM IST

Tekdi flyoverटेकड़ी उड़ान पुल पर भी गड्ढे और कीचड़; बिगड़ रही शहर की सूरत, सो रहा प्रशासन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. सिटी के विकास के लिए करोड़ों की योजनाएं चलाई जा रही हैं. उड़ान पुलों से लेकर सीमेंट सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है लेकिन मेंटेनेंस पर किसी का भी ध्यान नहीं है. यही वजह है कि समूचे शहर में ट्रैफिक से लेकर साफ-सफाई तक अव्यवस्था का आलम देखने को मिल रहा है. हालांकि कुछ दिनों बाद टेकड़ी उड़ान पुल टूटने वाला है लेकिन उससे पहले ही हालत खराब हो गई है. उड़ान पुल पर केवल गड्ढे ही नहीं बल्कि कीचड़ भी जमा हो गया है. इस कीचड़ में अब तक कई वाहन चालक फिसलकर गिर चुके हैं. 

टेकड़ी उडान पुल से पहले मानस चौक पर भी जानलेवा गड्ढे हो गये हैं. आड़े-तिरछे ट्रैफिक से बचते-बचाते जैसे-तैसे उड़ान पुल पर पहुंच भी जाएं तो समस्या कम नहीं होती. पुल के बीचोंबीच गड्ढे हो गये हैं. वहीं पेड़ों की शाखाएं झुक गई हैं. किनारे हिस्से में मिट्टी और काई जमा हो गई है. वहीं कुछ जगह पर पानी भी जमा हो गया है. इसका मतलब साफ है कि पुल से पानी की निकासी के लिए लगाए गए पाइप जाम हो गये हो गए होंगे. पिछले महीनेभर से पानी और कीचड़ जमा होने से अब तक कई वाहन चालक स्लिप होकर गिर चुके हैं. इतना ही नहीं रात के वक्त तो अक्सर दुर्घटना होती है.

संकरी सड़क पर ट्रैफिक जाम 

पुल से नीचे उतरते ही गड्ढों की भरमार हो गई है. दरअसल यह गड्ढे डामर रोड पर लगाए गए सीमेंट और गिट्टी मिश्रण की वजह से हुए हैं. मेट्रो का काम चल रहा है, इस वजह से सड़क संकरी हो गई है. सुबह और शाम के वक्त इस मार्ग से गुजरना बेहद मुश्किल हो जाता है. चारपहिया और बस आ जाये तो फिर दोपहिया और ऑटो चालकों की लंबी कतार लग जाती है. श्रीमोहिनी काम्प्लेक्स से लेकर संविधान चौक पेट्रोल पंप तक यही हालत रहती है. यहां तक गड्ढे दिखाई देते हैं. गड्ढों की वजह से दोपहिया वाहन हिचकोले खाते हुए आगे बढ़ते हैं. 

जनप्रतिनिधियों को नहीं दिखती अव्यवस्था

रेलवे स्टेशन पर हर दिन हजारों लोगों का आना-जाना रहता है. इसके बाद भी अव्यवस्था का आलम है. इन दिनों शहर प्रशासन का ध्यान जनसमस्याओं की ओर बिल्कुल नहीं है. जनप्रतिनिधि मनपा चुनाव की तैयारी में जुट गये है और जनता को उसके हाल पर परेशान होने के लिए छोड़ दिया गया है. जबकि इस मार्ग से अक्सर विधायक, सांसद और आला अधिकारी भी गुजरते हैं लेकिन सुधार की दिशा में कदम उठाने के लिए किसी के पास समय नहीं है. सिविल लाइन्स के कार्यालयों में जाने वालों के लिए भी यह प्रमुख मार्ग है. शहर की जनता अव्यवस्था पर बेबस हो गई है.