नागपुर
Published: Jun 20, 2021 01:01 AM ISTRTE AdmissionRTE : एडमिशन के लिए पैरेंट्स परेशान
- प्रक्रिया नहीं हो पा रही पूरी, लगाने पड़ रहे चक्कर
- 680 स्कूलों में होगा दाखिला
- 5,729 सीट आरक्षित किए गए थे
- 24,168 आवेदन प्रवेश के लिए आए थे
- 5,611 छात्रों का ड्रॉ से हुआ चयन
नागपुर. शिक्षा के अधिकार के तहत छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा पाने के लिए पहले कई परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है. आरटीई के तहत स्कूलों में प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है लेकिन पैरेंट्स की समस्याएं अभी भी खत्म नहीं हुई हैं. जानकारी के अभाव में पैरेंट्स परेशान हो रहे हैं. गाइडलाइन की पूरी जानकारी नहीं होने से पैरेंट्स इधर-उधर से जानकारी एकत्रित करने में लगे हुए हैं. पालकों का कहना है कि नि:शुल्क शिक्षा के लिए बनाए गए पोर्टल में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लिस्ट में नाम होने के बाद भी पोर्टल में कुछ समझ नहीं आ रहा. स्कूलों में पता करने पर वहां भी सही जानकारी नहीं दी जा रही है. पोर्टल में प्रक्रिया पूरी नहीं हो रही है. कभी सर्वर डाउन तो कभी नेटवर्किंग की समस्या हो रही है. इससे पहले भी हुई शिकायत में पोर्टल कभी वेटिंग का क्रमांक तो कभी नॉन सिलेक्टेड का स्टेटस बता रहा था जिसकी शिकायत भी की गई थी. पोर्टल को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है.
5,611 छात्रों का हुआ था चयन
बताया जा रहा है कि आरटीई का ड्रॉ निकालकर छात्रों का चयन किया गया था. इस ड्रॉ प्रक्रिया में 5,611 छात्रों शार्ट लिस्ट किया गया था जिसकी चयन सूची आरटीई के पोर्टल पर जारी की गई थी. जिन छात्रों के नाम लिस्ट में आए थे उन पैरेंट्स के मोबाइल पर मैसेज भेजे गए थे. लेकिन कई पालकों के पास मोबाइल के मैसेज तक नहीं मिले जिसके कारण उन्हें सबसे ज्यादा समस्या हुई. मोबाइल में मैसेज की जानकारी लेने भी पालक स्कूलों तक पहुंच रहे हैं.
पालकों को काटने पड़ रहे हैं चक्कर
शिक्षा के अधिकार के तहत पढ़ने वाले गरीब बच्चों के पैरेंट्स को एडमिशन से पहले काफी चक्कर काटने पड़ते हैं. पोर्टल पर एडमिशन के लिए ऑनलाइन और हाईटेक तकनीक से फार्म भरने की गाइडलाइंस जारी की जाती है जिसकी जानकारी न पालकों को होती है और न ही किसी परिवार के अन्य सदस्यों को. पालक पूरी तरह किसी दूसरे पर फार्म भरने के लिए और अन्य जानकारी के लिए डिपेंड हो जाते हैं. जानकारी के अभाव में दर-दर चक्कर तक काटने पड़ते हैं.