नागपुर

Published: May 06, 2023 06:00 AM IST

Bribery caseRTO : 25 लाख की रिश्वत का मामला, MLA मिर्जा पर शिकंजा या बचाने का प्रयास!

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नागपुर. महिला अधिकारी के विनयभंग के कथित आरोप को रफादफा करने के लिए आरटीओ अधिकारी से 25 लाख रुपये की रिश्वत मामले में आखिर एंटी करप्शन ब्यूरो ने यवतमाल के विधायक वजाहत मिर्जा से पूछताछ की गई. 

 ज्ञात हो कि मामले में मंत्रालय के कथित ओएसडी दिलीप खोडे और शेखर भोयर को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. पूछताछ में मिर्जा ने बताया कि कार्रवाई के समय वह रविभवन के काटेज 45 केवल इसलिए आये थे क्योंकि उन्हें दस्त लगे थे और टायलेट जाना था. संयोग से भोयर भी यहां मौजूद था जिसे वह जानते थे. आमने-सामने आने पर उनकी और भोयर की सामान्य बातचीत हुई. इसके बाद वे वहां से चले गये. आरोपियों द्वारा उनके नाम पर 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगे जाने की जानकारी से उन्होंने इंकार कर दिया. 

मांगे थे 50 लाख, 25 लाख में सौदा तय्र

इस मामले में पहले मिर्जा के बाडीगार्ड से भी पूछताछ की जा चुकी है. ऐसे में मिर्जा से पूछताछ ने मामले को एक बार फिर गर्मा दिया है. उल्लेखनीय है कि विनयभंग के आरोप से मुक्ति लिए आरटीओ अधिकारी से पहले 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी. आखिर 25 लाख रूपये में डील फाइनल हुई. इसी रकम को लेने के लिए आरोपी 28 मार्च को रविभवन पहुंचे थे. खास बात रही कि लेनदेन के कुछ देर पहले ही एमएलए मिर्जा भी रविभवन पहुंचे थे. कहा जा रहा है कि सबूत जुटाने तक एसीबी मिर्जा से पूछताछ नहीं कर रही थी.

ज्ञात हो कि कार्रवाई के समय ही पूरे मामले में एएलए मिर्जा का नाम लिया जा रहा था. माना जा रहा था कि तब ही मिर्जा का नाम आरोपियों में शामिल किया जा सकता था, लेकिन जानबुझकर उनसे पूछताछ में देरी की गई. अंदरखाने में इस पूछताछ को सांप पर मर जाये और लाठी भी ना टूटे वाली कहावत की तर्ज पर मिर्जा को बचाने की कवायद बताया जा रहा है. अब देखना है कि जांच का यह ऊंट किस करवट बैठेगा.