नागपुर

Published: Mar 20, 2021 01:40 AM IST

Nagpur Lockdown1 बजे तक 'नो लॉकडाउन' का नजारा, राशन दूकानें व बैंकों में उमड़ रहीं भीड़

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. जब से प्रशासन ने दोपहर 1 बजे के बाद सबकुछ बंद का फरमान लागू किया है तभी से दोपहर 1 बजे तक राशन, सब्जी, डेयरी की दूकानों में लोगों की भीड़ उमड़ रही हैं. जबकि इसके पहले जिसे जब समय मिलता था तब जाकर अपनी खरीदारी व काम कर लिया करते थे. लॉकडाउन के पांचवे दिन तो सिटी के कई इलाकों में दूकानों में भीड़ देखी गई. मानेवाड़ा सीमेन्ट रोड पर एक सरकारी राशन की दूकान में सुबह 10 बजे से लोगों की भीड़ उमड़ी और वहां सारे नियमों का उल्लंघन नजर आया.

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ. कोई देखने वाला भी नहीं था और कोई सुनने वाला भी नहीं. ऐसा ही हाल समीप स्थित एक बैंक का भी था. बैंक के बाहर ग्राहकों की भीड़ जुटी थी. यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा था. नंदनवन रोड में भी बैंकों के सामने भीड़ देखी गई. सब्जी खरीदने के लिए भी कई जगहों पर हुजूम देखा गया. डेयरी के सामने दूध-दही आदि खरीदने वाले बड़ी संख्या में नजर आए. ऐसा लग रहा था कि 1 बजे तक कोरोना किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकता.

दोपहर को वीरानी

दोपहर 1 बजे के बाद बाजार क्षेत्रों व मुख्य सड़कों पर और चौराहों पर वीरानी छायी. हालांकि, अनेक सड़कों पर वाहनों की आवाजाही लगी ही रही. प्रशासन व पालक मंत्री की अपील पर व्यापारियों ने दूकानें बंद रखी हैं लेकिन नागरिकों को तो अपने कामकाज से बाहर निकलना ही पड़ रहा है. वैक्सीनेशन लगवाने, ऑनलाइन ऑर्डर की आपूर्ति करने वाले कर्मचारी, सिटी के बाहर कारखानों में नौकरी करने वाले कर्मी, कामगार, सरकारी नौकरीपेशा वर्ग घरों के बाहर निकल रहा है जिसके चलते चहल-पहल बनी नजर आई. शुक्रवार को तो दुपहिया वाहनों में बड़ी संख्या में लोग डबल सवारी भी नजर आए.

भय हो रहा कम

लोग प्रशासन का सहकार्य करने को तैयार हैं और सहकार्य कर भी रहे हैं लेकिन उनकी अपनी भी मजबूरी है. लोगों की दूकानें बंद होने के चलते कमाई बंद हो गई है. टेलर्स, बुटीक, सलून, चाय-नाश्ता की टपरी, सब्जी-फल को छोड़कर छोटे-छोटे हॉकर्स सबका काम बंद होने से वे बेरोजगार हो गए हैं. उन्हें अब लॉकडाउन रास नहीं आ रहा है जिसके चलते कुछ चाय-नाश्ता वाले तो सुबह-सुबह 9 बजे तक साइकिल में ही केतली लगाकर चाय बेच रहे हैं. नाश्ता भी इसी तरीके से बेचा जा रहा है. कई जगहों पर दीवारों के पीछे छिपकर पान-सिगरेट-खर्रा भी बेचा जा रहा है. उनके पास इसके सिवा चारा भी नहीं है. फिर भी कार्रवाई का डर तो इन लोगों में बना ही हुआ है.