नागपुर

Published: Oct 29, 2020 12:17 AM IST

नागपुरमनपा में छाया रहा सन्नाटा, सफल रहा कर्मचारियों का होम क्वारंटाइन आंदोलन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. मनपा कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग लागू करने एवं कई वर्षों से लंबित विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रीय नागपुर कार्पोरेशन एम्प्लाईज एसोसिएशन की ओर से लगातार आंदोलन होते रहे हैं. आंदोलन के बाद कभी प्रशासन तो कभी सत्तापक्ष के साथ बैठकों को दौर भी हुआ. किंतु आश्वासनों के अलावा कर्मचारियों के हाथ कुछ नहीं लगा. जिससे कर्मचारियों में रोष बढ़ता गया.

जिसका हश्र यह हुआ कि अब हड़ताल के मुड़ में आए संगठन द्वारा चेतावनी स्वरूप एक दिन होम क्वारंटाइन रहकर हड़ताल की. जिसमें अतिआवश्यक सेवाओं में शामिल सदस्य कर्मचारियों के अलावा सभी ने हिस्सा लिया. आंदोलन की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मनपा मुख्यालय और जोनल कार्यालयों में भी दिन भा सन्नाटा छाया रहा. 

एकजूट कर्मचारी, हडबड़ाया प्रशासन

संगठन के अध्यक्ष सुरेन्द्र टिंगने ने कहा कि मनपा में कर्मचारियों के हितों के नाम पर अलग-अलग संगठन काम करती है. जबकि राष्ट्रीय नागपुर कार्पोरेशन एम्प्लाईज एसोसिएशन एकमात्र अधिकृत संगठन है. कर्मचारियों की मांगों को लेकर संगठनों की ओर से अलग-अलग आंदोलन होते रहे. जिससे प्रशासन पर इसका फिका असर रहा.

किंतु बुधवार को हुए आंदोलन में न केवल मनपा कर्मचारी बल्की शिक्षकों ने भी हिस्सा लिया. कर्मचारियों की एकजूटता का असर यह रहा कि कर्मचारी काम पर नहीं होने से प्रशासन हडबड़ा गया है. प्रशासन की ओर से हडताल नहीं करने को कहा गया था किंतु अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए इस तरह का आंदोलन कर्मचारियों का अधिकार है. 

तो 7 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल

दिन भर रही हड़ताल के बाद संगठन का शिष्टमंडल मनपा आयुक्त से मिला. चर्चा के दौरान शिष्टमंडल का मानना था कि 7वां वेतन देने के लिए मनपा की सभा में प्रस्ताव पारित हुआ था. कर्मचारियों को वेतन भी मनपा द्वारा दिया जाता है. ऐसे में बेवजह राज्य सरकार के पाले में गेंद होने का हवाला देकर कर्मचारियों पर अन्याय किया जा रहा है. इसके अलावा 6वें वेतन आयोग का बकाया भी है. जिसे मनपा को भुगतान करना है. इसके आवंटन को रोकने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.

यदि कर्मचारियों को तुरंत 7वां वेतन आयोग लागू नहीं किया गया, तो शीतसत्र के पहले दिन 7 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की चेतावनी दी. शिष्टमंडल में महासचिव रंजन नलोडे, कोषाध्यक्ष प्रवीण तंत्रपाले, ईश्वर मेश्राम, बाबा श्रीखंडे, गौतम गेडाम, विश्वास सेलसुरकर, मारोती नासरे, अंकित चौधरी, पुरूषोत्तम कैकाडे, बलीराम शेंडे, बाबा श्रीखंडे, संजय मोहले, कृणाल यादव, अभय अप्पनवार, हेमराज शिंदेकर, दत्ता डहाके आदि शामिल थे.