नागपुर

Published: May 11, 2022 11:28 PM IST

Flight Serviceहवाई सेक्टर में सौतेला व्यवहार, अब तक सामान्य नहीं हुई सेवा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo

नागपुर. सिटी के साथ हमेशा ही सौतेला व्यवहार होता आया है. अब एयरलाइंस कंपनियां भी इसी कड़ी में जुड़ गईं हैं. विमान परिचालन की स्थिति अब तक कोरोना पूर्व की स्थिति में नहीं पहुंच सकी है. कोरोना के पूर्व 32 विमान नागपुर एयरपोर्ट से उड़ान भरते थे जो वर्तमान में 26 रह गए हैं. हवाई सेवा में बढ़ोतरी की बजाय गिरावट का ही सिलसिला जारी है. कई प्रमुख शहरों को अब तक विमान सेवा से जोड़ा नहीं जा सका है. कई स्थानों के लिए विमान सेवा कम हो गई है. इससे यात्रियों को सामान्य से अधिक किराया देना पड़ रहा है. 

गर्मी की छुट्टी के लिए बाहर जाने वालों को इसके लिए ‘वाया’ दूसरे रूट का सहारा लेना पड़ रहा है. मिहान इंडिया लि. (एमआईएल) इस दिशा में प्रयास कर रही है कि नागपुर से विमान सेवा में बढ़ोतरी हो लेकिन उसे सफलता नहीं मिल पा रही है. 

एजेंटों ने बताया कि माहौल सामान्य होने से लोग गर्मी की छुट्टी के लिए बाहर जाने लगे हैं लेकिन फ्लाइट कम होने के कारण उन्हें अन्य एयरपोर्ट होते हुए जाना पड़ रहा है. पूर्व में विशाखापट्टनम के लिए सीधी विमान सेवा थी लेकिन अब वहां जाने के लिए हैदराबाद का सहारा लेना पड़ रहा है. इसी प्रकार लखनऊ के लिए भी सीधी विमान सेवा शुरू की गई थी, फिर बंद कर दी गई और लोगों को  लखनऊ जाने के लिए वाया दिल्ली जाना पड़ा. फिर एयरलाइंस के ख्यालात बदले और सीधी विमान सेवा शुरू कर दी. इससे यात्रियों का विश्वास डगमगा रहा है. 

बेंगलुरु, कोलकाता के लिए फ्लाइट कम

कोरोना के पूर्व बेंगलुरु जाने के लिए कम से कम 6-7 फ्लाइट हुआ करती थीं, जो अब सिमट कर 4 रह गई हैं. इसी प्रकार कोलकाता जाने के लिए पहले सुबह और शाम में फ्लाइट सेवा थी लेकिन अब यह भी एक रह गई है. पूर्वोत्तर जाने वाले यात्रियों को इससे खासी परेशानी हो रही है. 

जयपुर को भूल गए

जयपुर के लिए विमान सेवा शुरू करने की घोषणा एयरलाइंस ने की थी. इसके बाद बुकिंग भी शुरू की गई. लोगों से अच्छा रिस्पांस भी मिला लेकिन विमान सेवा शुरू ही नहीं हो सकी. बुकिंग करने वालों को दिल्ली एवं अन्य गंतव्य स्थानों से भेजा गया लेकिन इसके लिए उनसे अतिरिक्त राशि भी ली गई. कुल मिलाकर नागपुर के यात्रियों के साथ दोय्यम दर्जे का बर्ताव किया जा रहा है. 

कतर एयरवेज का पता नहीं

कतर एयरवेज ने विमान सेवा शुरू करने की बात कही थी लेकिन अब तक विमान सेवा शुरू नहीं हो पाई है. यानी इंटरनेशनल रूट पर केवल एक हवाई जहाज है. यही नागपुर एयरपोर्ट के इंटरनेशनल रुतबे को बचाये हुए है. इसके अलावा अब तक एमआईएल के अधिकारियों को और कहीं के लिए विमान सेवा शुरू कराने में सफलता नहीं मिल पाई है. 

एयरलाइंस कंपनियों की साठगांठ

ट्रैवल एजेंटों का कहना है कि नागपुर को केवल मेट्रो शहरों से जोड़कर रखा जा रहा है. इतना ही नहीं फ्लाइट भी जानबूझकर कम कर दी गई हैं ताकि मांग ज्यादा रहे और किराया बढ़ा रहे. पहले ज्यादा फ्लाइट होने के कारण नागपुर- मुंबई का औसत किराया 3,500-4,000 रुपये होता था जो अब लगभग 6,500-7,000 रुपये के बीच है. इससे एयरलाइंस की कमाई बढ़ गई है और लोगों की जेबें ढीली होने लगी हैं. बार-बार उन्हें बोलने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती. आश्चर्य की बात यह है कि न तो अधिकारी इस पर ध्यान देते हैं और न ही जनप्रतिनिधि. जनता इसमें पिस रही है. इसमें सबसे बड़ा नुकसान शहर को उठाना पड़ता है. लोगों का आना-जाना कम हो जाता है जिससे गतिविधियां भी सीमित होने लगती हैं, इसलिए जरूरी है कि शहर से जहां कनेक्टिविटी बढ़े वहीं नये-नये शहरों को भी जोड़ा जाए.-गुरुमीत सिंह विज, ट्रैवल एजेंट एसो. ऑफ इंडिया